शिवपुरी। विश्व पुस्तक मेला दिल्ली में प्रमोद भार्गव के नए महत्वपूर्ण उपन्यास *आर्यावर्त* का प्रकाशन संस्थान के स्टॉल पर लोकार्पण हुआ।इस अवसर पर प्रसिद्ध कथाकार और पत्रकार हरीश पाठक, देश के जाने माने फिल्म,पुस्तक एवं कला समीक्षक रविंद्र त्रिपाठी, ककसाड़ पत्रिका की संपादक एवं लेखिका कुसुमलता सिंह, कौशलेंद्र घुरैया और प्रकाशन संस्थान के निदेशक हरिश्चंद्र शर्मा उपस्थित थे।इस अवसर हरीश पाठक ने कहा कि हमारे पुराने साथी प्रमोद भार्गव साहित्य,पत्रकारिता और विज्ञान विषयों के लेखन में सतत सक्रिय हैं।उनका उपन्यास दशावतार जहाँ दशवतारों को जहां जैविक विकास के क्रम में देखता है,वहीं आर्यावर्त उपन्यास आर्यों को मूल भारतीय होने की मान्यता देता है। रविंद्र त्रिपाठी ने कहा प्रमोद भार्गव ने शिवपुरी जैसी छोटी जगह में रहकर साहित्य और पत्रकारिता क्षेत्र में बड़ी जगह बनाई है। यह उपलब्धि उन्होंने निरंतर लेखन करते हुए बनाई है। कुसुमलता सिंह ने कहा प्रमोद भार्गव हमारी पत्रिका ककसाड़ से शुरुआत से ही जुड़े हैं। उनका लेखन विलक्षण और अमूल्य है। प्रमोद भार्गव ने कहा ,यह उपन्यास आयातित उस अवधारणा को अस्वीकार करता है ,जिसमें बाहर से आए आर्यों को हमलावर के रूप में दिखाया गया है। आर्य और अनार्य मूल भारतीय थे। ऋग्वेद में इन्हीं का परस्पर युद्ध और वैदिक सभ्यता की स्थापनाएं हैं। अंत में प्रकाशन संस्थान के निदेशक हरिश्चंद्र शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया।