नई दिल्ली :चीन के हैकरों ने अमेरिकी नेवी का खुफिया डाटा चुरा कर अमेरिका के होश उड़ा दिए हैं। चीन ने जनवरी से फरवरी के बीच 614 GB डाटा चुराया है जिसमें एक खुफिया प्रोजेक्ट, पनडुब्बी रेडियो रूम और डेवलपमेंट यूनिट का डाटा चुराया है।
अमेरिका हमेशा से टेक्नोलॉजी में आगे रहा है। डाटा की चोरी चीन बहुत दिनों से करता आ रहा है जिसका मुख्य उद्देश्य अमेरिका को रोकने की कोशिशों का हिस्सा है। चीन पूर्वी एशिया में सबसे बड़ी ताकत बनना चाहता है।अमेरिका, उत्तर कोरिया को रोकने के लिए चीन का समर्थन चाहता है।जबकि व्यापार औऱ रक्षा मामलों पर अमेरिका-चीन के बीच में तनाव भी है।
डाटा चोरी की खबर सामने आने के बाद अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने कॉन्ट्रैक्टर साइबर सिक्युरिटी मसले का रिव्यू करने को कहा था। डाटा चोरी के मामले पर अफसरों का कहना है कि नेवी , FBI की मदद से पूरे मामले की जांच करा रही है। अमेरिका ने कुछ दिन पहले चीन के साथ प्रशांत महासागर में संयुक्त युद्धाभ्यास के न्योते को वापस ले लिया था
चीनी कई सालों से अमेरिकी मिलिट्री की जानकारी चुरा रहा है। अमेरिका के मुताबिक चीनी हैकर्स पहले भी F-35 लड़ाकू विमान, पीएसी-3 मिसाइल सिस्टम समेत कई खुफिया प्रोजेक्ट की चोरी कर चुके हैं।