पंजाब में राज्यसभा की खाली हो रही सीटों के लिए जोड़तोड़ शुरू हो गई है। पंजाब में राज्यसभा की कुल 7 सीटें हैं।
सूत्रों अनुसार कई वरिष्ठ नेता पंजाब राज्यसभा में जाने के इच्छुक हैं। राज्य विधानसभा में सत्तारूढ़ अकाली-भाजपा गठबंधन तथा कांग्रेस विधायकों की संख्या के आधार पर गठबंधन के 3 तथा कांग्रेस के 2 सदस्य राज्यसभा के लिए चुने जाएंगे। कांग्रेस के अश्विनी कुमार, एमएस गिल, अकाली दल के सुखदेव सिंह ढींडसा और नरेश गुजराल तथा भाजपा के अविनाश राय खन्ना का राज्यसभा का 6 साल का कार्यकाल आगामी 9 अप्रैल को पूरा हो जाएगा लेकिन इन सीटों के लिए चुनाव यदि जरूरी हुआ तो यह राज्य विधानसभा के बजट सत्र के दौरान मार्च के दूसरे पखवाड़े में करवाना होगा।
प्रदेश से राज्यसभा के बाकी 2 सदस्यों अकाली दल के बलविंदर सिंह भूंदड़ तथा कांग्रेस की अंबिका सोनी का कार्यकाल 7 जुलाई को समाप्त होगा। इन दो सीटों के लिए चुनाव जून माह में होने की संभावना है। पंजाब विधानसभा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हालांकि चुनाव आयोग ने चुनाव का कोई कार्यक्रम घोषित नहीं किया है, लेकिन चुनाव 22 मार्च को या फिर 27 मार्च के बाद होने की संभावना है।चुनाव दो चरणों में होगा। पहले चरण में राज्यसभा के लिए 3 तथा दूसरे चरण में दो सदस्य चुने जाएंगे, लेकिन चुनाव एक ही दिन करवाए जाएंगे। सूत्रों का कहना है कि शिरोमणि अकाली दल मौजूदा राज्यसभा सदस्यों को ही दोबारा प्रत्याशी बनाएगा।
तीसरी सीट गठबंधन की सहयोगी भाजपा के हिस्से में आएगी और भाजपा द्वारा भी अविनाश राय खन्ना को दोबारा प्रत्याशी बनाए जाने की संभावना है। एक यह भी संभावना है कि भाजपा यदि सिद्धू दम्पति को मना लेती है तो नवजोत सिद्धू को राज्यसभा सीट की पेशकश की जा सकती है तथा अविनाश राय खन्ना को कहीं और एडजस्ट किया जा सकता है। दूसरी ओर सूत्रों के मुताबिक जहां तक कांग्रेस का प्रश्न है, दिल्ली में बैठे पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता राज्यसभा में जाने के लिए जी जान से लगे हुए हैं। इनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। हालांकि कांग्रेस द्वारा मौजूदा राज्यसभा सदस्यों को दोबारा प्रत्याशी बनाए जाने की संभावना बहुत कम है लेकिन पार्टी हाईकमान पर यह दबाव तो रहेगा ही कि प्रदेश से वरिष्ठ पार्टी नेताओं को ही राज्यसभा में भेजा जाए।