बिहार की राजनीति दिन ब दिन बदल रही है।एनडीए और महागठबंधन दोनों दल अपना कुनबा बचाने की चुनौती से दो चार हो रहे हैं।बीच मे खबरें चल रहीं थीं कि एनडीए में सब कुछ ठीक नही
आरएलएसपी के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा सबसे पहले नाराज बताए गए।उनकी नाराजगी सीएम नीतीश से थी।उसके बाद खबरे चलीं की खुद सीएम नीतीश बीजेपी के साथ लोकसभा चुनाव की सीटों के बंटवारे को लेकर नाराज हो गए।कहा गया कि नीतीश बिहार में बड़े भाई की भूमिका चाहते हैं लेकिन बीजेपी उन्हें यह दर्जा देना नही चाहती।इसलिए नीतीश महागठबंधन में अपनी फिर से वापसी को लेकर जुगत भिड़ा रहे हैं।कांग्रेस जहां नीतीश को लेकर पॉजिटिव थी वहीं आरजेडी नीतीश के लिए गठबंधन के दरवाजे बंद बताए
लेकिन इस सब सुगबुगाहट के बीच लोग भूल गए थे कि बीजेपी के पास अमित शाह के रूप में एक चाणक्य हैं।और आज यह बात सच साबित हुई।एनडीए में टूट की उम्मीद लगाए बैठे लोगों को अब महागठबंधन में ही खटपट सुनाई देने लगी है।
आज कांग्रेस ने तेजस्वी को अपनी हद में रहने की नसीहत दी।कांग्रेस के बड़े नेता शकील अहमद ने कहा की कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पूरे देश मे महागठबंधन बनाने में लगे हैं।इसलिए तेजस्वी यादव को यह अधिकार नही की वो बताएं कि इसमें कौन शामिल होगा और कौन नहीं।राहुल जी लालू प्रसाद से बात करके तय करेंगे कि किसे शामिल किया जाए।जब बीजेपी के एक साथी उपेंद्र कुशवाहा को अपने साथ लाने को तेजस्वी तैयार हैं तो नीतीश जी से उन्हें क्यों दिक्कत है।
अब देखने वाली बात यह है कि एनडीए को तोड़ने की कोशिश में कहीं कांग्रेस आरजेडी का साथ ही न छूट जाए।