मुख्यमंत्री ने प्रधान सचिव के कार्यालय में लगाया ताला

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नई दिल्ली,। दिल्ली के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच कार्यवाहक मुख्य सचिव नियुक्ति को लेकर जारी लड़ाई ने आज एक नया मोड़ ले लिया । मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव की नियुक्ति करने वाले प्रधान सचिव अंनिदो मजूमदार के कार्यालय में ताला लगवा दिया है ।मजूमदार ने वरिष्ठ आईएएस शकुंतला गेमलिंग को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आपत्ति के बावजूद कार्यवाहक मुख्य सचिव नियुक्त किये जाने का आदेश जारी किया था । आदेश जारी करने के बाद मुख्यमंत्री केजरीवाल ने मजूमदार को प्रधानसचिव के पद से शनिवार को हटा दिया था । इस फैसले को उपराज्यपाल ने यह कहते हुये खारिज कर दिया था कि इसे उनकी अनुमति नही है । इस बीच मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिलने का समय मांगा है । राष्ट्रपति इस समय उत्तराखण्ड में हैं वह जैसे दिल्ली आयेंगे, उनके कार्यालय की ओर से मिलने का समय दिया जा सकता है ।मुख्यमंत्री ने रविवार को ऑटोचालकों के लिये आयोजित एक जनसभा में मुख्य सचिव को नियुक्त करने के पीछे गलत मंशा होने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि सभी भ्रष्टाचारी मिलकर उनकी सरकार को कमजोर करना चाहते हैं । केन्द्र की भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर सीधा हमला करते हुये उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार राज्यसरकार को कमजोर करना चाहती है। उन्होंने कहा कि बिजली विभाग में सचिव (शंकुतला गेमलीन) हैं जिन्होंने आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर दिल्ली की बिजली कंपनियों को 11 हजार का लोन दिलाने के लिये मंत्री महोदय पर दवाव डालने की कोशिश की। उन्होंने उनपर मंत्री को गुमराह करने का भी आरोप लगाया और कहा कि उन्होंने गरंटी पेपर को महज औपचारिकता से जुड़ा दस्तावेज बताकर उनके हस्ताक्षर लेने चाहे। हालांकि मंत्री जी ने हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा होता तो दिल्ली में बिजली के दाम दो से तीन गुना बढ़ जाते ।उल्लेखनीय है किदिल्ली के मुख्य सचिव 10 दिनों के अवकाश पर हैं ऐसे में उपराज्यपाल ने सबसे वरिष्ठ अधिकारी को कार्यवाहक मुख्य सचिव के तौर पर नियुक्त कर दिया । जिसका दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल विरोध कर रहे हैं।

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