लद्दाख : भारतीय सेना के 15 जवान ‘सैन्य विद्रोह’ के दोषी ठहराए गए
जम्मू,। लद्दाख के नयोमा में तीन साल पहले एक तोपखाना इकाई के अधिकारियों और जवानों के बीच हुई झड़प के बाद ‘सम्मरी जनरल कोर्ट मार्शल’ (एसजीसीएम) ने 15 जवानों को ‘‘सैन्य विद्रोह’’ का दोषी ठहराया है। सेना के इन कर्मियों को विभिन्न अवधि की सश्रम क़ैद की सज़ाएं सुनाई गई हैं । सेना सूत्रों के मुताबिक सुनाई गई सज़ा उच्च प्राधिकार द्वारा मंज़ूर किए जाने पर ही प्रभावी होगी और इसकी मंज़ूरी कोर कमांडर प्रदान करेंगे। ये सभी जवान अधिकारी रैंक से नीचे के हैं । उन्हें सेना अधिनियम की धारा 37 के प्रावधानों के तहत आरोपित किया गया है जो सैन्य विद्रोह को उकसाने, कराने, इसमें शामिल होने या इसके लिए अन्य लोगों के साथ साज़िश रचने से जुड़े हैं।सूत्रों के मुताबिक सेना ने कमान एवं नियंत्रण में कथित कमी और एक सैनिक की पिटाई के मुद्दे पर कोर्ट मार्शल में तोपखाना इकाई के कमांडिंग अधिकारी और तीन अन्य की सुनवाई पहले ही कर ली है। सूत्रों ने बताया कि उन्हें पेंशन में कटौती की विभिन्न डिग्री की सज़ा दी गई है।गौरतलब है कि मई 2012 में कथित छेड़छाड़ की घटना को लेकर अधिकारियों के एक समूह और जवानों के बीच झड़प हुई थी। दरअसल एक मेजर की पत्नी से एक जवान के कथित दुर्व्यव्यहार के बाद मेजर ने उस जवान की पिटाई की थी । उसके बाद यह घटना हुई थी।