लीवर के खतरे से बचाएगा नियमित व्यायाम
लखनउ। लीवर यानि यकृत भोजन पचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यदि लीवर सही तरीके से काम नहीं करता तो व्यक्ति को विभिन्न रोग हो सकतें हैं। यदि आपका वजन बढ़ रहा है तो यह लीवर के लिए खतरे की घंटी है। नियमित व्यायाम, तेज गति से टहलना, मधुमेह और मोटापे को नियंत्रित रख कर लीवर के खतरे से बचा जा सकता है। यह जानकारी गैस्ट्रोसर्जन डा. आर.बी.सिंह ने दी।डा. आर.बी.सिंह ने बताया कि मोटापा कम करने के लिए ऑपरेशन करवाने से भी फैटी लीवर का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे मरीजों के लिए सबसे अच्छा उपचार है शरीर का वजन कम करना।उन्होंने बताया कि आज के दौर के खानपान के तरीकें, ढेर सारे कार्बोहायड्रेट, अत्यधिक अल्कोहल का सेवन, कम शारीरिक काम आदि। लीवर को स्वस्थ रखने के लिए ताजे फलों और सब्जियों को खाना चाहिए। साथ ही फलों का जूस और ढेर सारा पानी पीना चाहिए। अत्यधिक तले हुए भोजन से बचना चाहिए, अल्कोहल का सेवन नहीं करना चाहिए, कोल्ड ड्रिंक से भी बचना चाहिए। मोटापा और डायबटीज लीवर की बीमारी के शिकार शराब न पीने वाले लोगों में इसका खतरा और बढ़ा देता है।आर बी सिंह ने बताया कि लीवर की बीमारी से ग्रस्त शराब न पीने वाले लोगों में लीवर के खराब होने का खतरा कई अन्य कारणों से भी बढ़ जाता है, जिसमें कुपोषण, गर्भ के कारण लीवर का खराब होना, नशीली दवाएं और यहां तक एचआईवी और हेपेटाइटिस-सी शामिल हैं।अनुसार, कई बार पेट में दर्द या गर्भ के लिए होने वाले अल्ट्रासाउंड जांच के दौरान लीवर में सूजन की बीमारी का पता चलता है.श्अनुसार, कुछ लोगों का लीवर अतिरिक्त रूप से मोटा हो जाता है, जिसे फैटी लीवर कहते हैं. हालांकि यह एक सामान्य अवस्था नहीं है, लेकिन यदि पेट में जलन या और कोई समस्या पैदा नहीं करता तो यह कोई गंभीर बात नहीं है.वरिष्ठ बैरिएट्रिक ने इस बीमारी के सर्वश्रेष्ठ उपचार के बारे में कहा,हानिकारक पदार्थों के निष्कासन, रक्त की संरचना के नियंत्रण और पाचन के क्रियायों में यदि व्यवधान आता है, तो यह ये व्यक्ति को रोगी बना देता है और बाद में यह रोग बढ़ कर पीलिया का रूप ले लेता है और अंतिम चरण में पहुँचने पर हेपेटाइटिस लीवर सिरोसिस और लीवर कैंसर का कारण बन सकता है। भारत में लीवर की तीन सबसे घटक बीमारियाँ चर्बीदार लीवर, हेपेटाइटिस और सिरोसिस है। प्रत्येक के लिए विशेष खानपान की जरुरत है।बलरामपुर अस्पताल के योग विशेषज्ञ डा. एन.एल. जिज्ञासु ने बताया कि स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है कि योग को दिनचर्या का हिस्सा बनायें। उन्होंने कहा कि व्यायाम से केवल शरीर स्वस्थ रहता है लेकिन योग करने से मन और मस्तिष्क दोनों स्वस्थ रहता है।