
डॉ. आर.के. मुदगिल ने बताया कि उन्होंने इंडियन एसोसिएशन ऑफ कायरोपैक्ट्कि डाक्टर्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. कल्पेश गहलानी द्वारा समागम के दौरान उनके साथ काम करने का निमंत्रण मिला था। वहां काम करना सभी के लिये काफी अच्छा अनुभव रहा। साथ ही साथ भविष्य में दोनों एसोसिएशनों द्वारा एक साथ काम करने के लिए करार भी किया क्योंकि दोनों ही चिकित्सा विद्याएं सिर्फ मैनुअल थैरेपी द्वारा मरीजों को बिल्कुल ठीक कर देती हैं और विदेशों में कायरोपैक्ट्कि डॉक्टर्स की काफी मांग है।
डॉ. मुदगिल ने बताया कि निरंकारी समागम के दौरान जो यह भव्य आयोजन हुआ वह निरंकारी बाबा हरदेव सिंह जी के सेवा समर्पण के नारे को पूर्ण रूप से सत्यार्थ कर रहा है। इस दौरान भाग लेने वाले सभी डॉक्टरों ने अपनी सेवायें स्वयंसेवी के तौर पर दी। बाबा हरदेव सिंह जी के उपदेशों और विचारों को साकार करते हुए ये निरंकारी संत समागम नित नये आयाम छूता जा रहा है। मानवता से भरपूर विशाल मानव परिवार दिन-रात ‘वल्र्ड विदाउट वॉल’ को साकार करने में लगा है। आज के इस ईष्र्या भरे माहौल में संत-महात्माओं के इस तरह के प्रायोजन तपती धूप में ठंडी छाया के समान हैं जोकि सम्पूर्ण विश्व को शीतला प्रदान करते हैं। समागम के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं एवं अध्यात्म का अनूठा संगम देखने को मिला।