इसे अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा की तरफ से एक बहुमूल्य तोहफा ही कहा जा सकता है जो उन्होने भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर मोदी के लिये दिया गया है। बहुत ही जल्द हिन्दूओं के सबसे बडे मंदिर का निर्माण कार्य अमेरिका में अपना अंतिम रूप ले लेगा । यह इतना भव्य होगा कि विश्व में अपनी एक पहचान अर्जित कर सकेगा। विश्व के सबसे ताकतवर देश में हिन्दूओं के विस्तार के लिये सबसे बडे मंदिर की बनने की बात को लेकर राजनीतिक हल्कों में बाजार गर्म है। यह बात एक अर्चना कार्यक्रम में आये भाजपा के वरिष्ठ नेेता संजय विनायक जोशी ने कही।
उन्होने कहा कि इसी तरह अरब के शासक ने भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर मोदी को अपने देश में एक मंदिर बनाने के लिये जगह दी है और वहां पर प्रधानमंत्री का एैसा व्यवहार रहा कि वहां के ईमामों ने न सिर्फ भूमि पूजन में हिन्दू उपासकों का साथ दिया बल्कि केले के पत्ते में खाना भी खाया। उन्होने बताया कि वैदिक विचारकों का कहना है कि यह भारत का सबसे स्वर्णिम दौर का समय हो सकता है और जिस तरह से प्रधानमंत्री ने विदेश में वैदिक कालों को प्रमाणित करने व हिन्दू को स्थापित करने के लिये प्रयास किया है उससे भारत की पहचान जिसे ग्रहण लग चुका था वह पुख्ता होगी जिसका लाभ भी भारत को मिलेगा ।
संजय जोशी का कहना था कि विचारकों का कहना था कि जब जापान व चीन हमारे गौतम बुद्ध को प्रतीक मानकर अपना बहुत कुछ इस पर खर्च कर रहा है तो सरकार को भी चाहिये था कि वह अपने रीति रिवाजों , संस्कारों व सभ्यता को लेकर विश्व के पटल पर जाये। जो कि पिछली सरकारों ने नही किया । उन्होंने केन्द्र सरकार के इस कदम की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी सफलता जैसा कि वह कहते है देश की सवा करोड नागरिकों की सफलता है। उन्होने कहा कि यही राष्ट्र घर्म है जिसे मानना चाहिये।