भारत-चीन में विकास के साथ-साथ समस्याओं के समाधान की भरपूर क्षमता-प्रधानमंत्री
बीजिंग,। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी चीन यात्रा के आखिरी दिन आज भारत-चीन व्यापार मंच को संबोधित करते हुए कहा कि भारत और चीन में विकास के साथ-साथ समस्याओं के समाधान की भरपूर क्षमता है और भारत व्यक्तिगत तौर पर सहयोग को आगे बढ़ाने की दिशा में प्रतिबद्ध है । प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में कारोबार के लिए चीन की कंपनियों को हर संभव मदद दी जाएगी ।श्री मोदी ने चीन की कंपनी अलीबाबा के मुख्य कार्यकारी अधनिकारी (सीईओ) के अलावा 21 कंपनियों के सीईओ से मिले । दोनों देशों के सीईओ कबीच 22 अरब डॉलर के 21 से अधिक समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए । प्रधानमंत्री ने कहा कि एशिया के आर्थिक विकास और राजनीति स्थिरता के लिए भारत और चीन के बीच परस्पर बेहतर संबंध का होना जरूरी है। उन्होंने 5एफ का फॉर्मूला दिया- फार्म से फाइबर से फैब्रिक से फैशन से लेकर फॉरेन ।मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनी श्याओमी के अध्यक्ष लिन बिन ने कहा कि भारत को लेकर कंपनी की बड़ी योजनाएं हैं । उन्होंने कहा कि भारत एक बड़ा बाजार है जहां संभावनाओं की कोई कमी नहीं है । लिन बिन ने कहा कि वह ‘मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया अभियान को पूरी तरह सहायता करते हैं। वहीं, चीन की ही कंपनी डालियन सिटी के सीईओ लांगे सून ने कहा कि हम भारत में पावर सेक्टर पर जोर देना चाहते हैं। मेरी कंपनी गुजरात में निवेश करने का प्लान बना रही है ।
ग्लोबल टाइम्स में छपी रिपोर्ट में पीएम मोदी की अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन से तुलना की गई है । रिपोर्ट में लिखा गया है कि चीन और भारत के बीच प्रमुख विवादों व विकास की समान चुनौतियों से निपटने का जो क्षमता हैं, वह अमेरिकी राष्ट्रपति निक्सन के समान ही हैं। निक्सन ने 1972 में चीन की यात्रा की थी, जिसके बाद अमेरिका-चीन के संबंधों में गर्माहट आई थी। इसके बाद ही इस कम्युनिस्ट देश में अमेरिका से निवेश और तकनीक का स्थानांतरण शुरू हुआ था, जिससे चीन में आर्थिक विकास को रफ्तार मिली थी।