चीन ने कहा दक्षिणी चीनी सागर में बनाएंगे एयर डिफेंस जोन
बीजिंग, 01 जून(हि.स.)। चीन ने यह एलान करते हुए कहा है कि अगर उसे दक्षिणी चीन सागर में कोई खतरा महसूस होता है तो वह यहां एक एयर डिफेंस जोन बनाने में देर नहीं लगाएगा। चीन का यह एलान भारत को यह चेतावनी देने के तुरंत बाद आया है कि वह दक्षिणी चीन सागर में तेल की खोज बिना उसकी इजाजत के नहीं करे। उधर, दक्षिणी चीन सागर में चीन की गतिविधियों को लेकर अब ऑस्ट्रेलिया ने भी अलर्ट जारी किया है। उसने बाकी देशों के साथ सहयोग की बात भी की है।चीन के एडमिरल सुन जियांगुओ ने सैन्य परिषद की सिंगापुर में आयोजित बैठक के दौरान कहा, ‘वैसे तो हमारा यह विचार नहीं कि हम इस क्षेत्र में कोई एयर डिफेंस जोन बनाने जा रहे हैं लेकिन अगर हमें ऐसा लगता है कि हमें इस क्षेत्र के एयर स्पेस में घेरने की कोशिश की जा रही है तो हम इसे नजर अंदाज नहीं कर सकते। हम यहां एयर डिफेंस जोन जरूर बनाएंगे। हम इस मुद्दे को नजरअंदाज नहीं कर सकते।’वहीं, चीन के विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि तेल या गैस की तलाश से जुड़ा कोई भी काम शुरू करने से पहले चीन से अनुमति ली जानी चाहिए। अधिकारी के अनुसार, विवादित क्षेत्र में अंतिम समझौता होने से पहले चीन यहां संयुक्त विकास की नीति को बढ़ावा देगा। सीमा विवाद पर टिप्पणी करते हुए चीनी अधिकारी ने कहा कि दोनों देशों को इस बात का श्रेय देना चाहिए कि उन्होंने आपसी विवाद का असर आपसी संबंधों पर नहीं पड़ने दिया है।चीन की इस टिप्पणी को लेकर इस मामले से अमेरिका और भारत समेत कई देशों का गुस्सा चीन के इस कदम से भड़क सकता है। पिछले कुछ सालों से इस बात की आशंका पहले ही जताई जा रही है कि चीन दक्षिणी चीन सागर में सैन्य विस्तार करने की कोशिश में है और वह यहां सैन्य विस्तार बनाने की कोशिश कर रहा है।इसके साथ ही, ऑस्ट्रेलिया के डिफेंस मिनिस्टर केविन एंड्रूज ने कहा है कि दक्षिणी चीन सागर में चीन का विस्तारवादी रवैया चिंताजनक है। स्पार्टली द्वीप को लेकर केविन ने कहा कि हम अमेरिका और अन्य देशों की चिंता से सहमत हैं।
इससे पहले चीन ने भारत को चेतावनी देते हुए कहा था कि दक्षिण चीन सागर में भारत उसकी इजाजत के बिना ऑयल एंव गैस ब्लॉक्स नहीं तलाश सकता। भारतीय कंपनी ओएनजीसी विदेश लिमिटेड इस इलाके में तेल-गैस दोहन की दिशा में काम कर रही है।