बिहार मे अब आम -लीची की राजनीति
पटना,। बिहार की राजनीति में लगता है मुद्दों की कमी हो गई है तभी नेतागण अब फल और सब्जियों तक पर राजनीति करने से नहीं चूक रहे हैं। बिहार में अपहरण, हत्या लूट, डकैती जैसे न जाने कितने मामले हैं जिसपर राजनेताओं का ध्यान जाना चाहिए। लेकिन अब यह राजनीति इन गंभीर विषय पर नहीं होकर फलों पर आकर रह गई है। ताजा मामला आम, लीची और कटहल के फल की सुरक्षा को लेकर मुख्यमंत्री आवास में पुलिसकर्मियों की तैनाती के बाद उठा है। उम्मीद की जा सकती है कि अब फलों और सब्जियों पर राजनीति से इनके दाम भी आसमान छूने लगेंगें क्योंकि इसकी पब्लिसिटी राजनेताओं द्वारा की जाने लगी है। फलों की सुरक्षा के लिए 24 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। आम, लीची और कटहल का ताजा मामला मुख्यमंत्री के सरकारी आवास एक अणे मार्ग से उठा है। यहां लगे फलों की सुरक्षा के लिए एसपी स्तर तक के अधिकारियों की नियुक्ति की गयी है। सरकार ने फलों की सुरक्षा के लिए 24 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। इसमें 8 एसआई और 16 कांस्टेबल की तैनाती की गई है। इन तैनात अधिकारियेां को हिदायत दी गई है कि आम-लीची को किसी भी प्रकार से पूर्व मुख्यमंत्री के घर में नहीं जाने दिया जाए। ज्ञात हो कि अभी मुख्यमंत्री आवास में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी रह रहे हैं। वहीं इस मामले पर मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री की जंग शुरू हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा है कि यह नीतीष कुमार की ओझी मानसिकता का परिचायक है। महादलित होने के कारण मेरे साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने मांझी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ऐसी तुच्छ विषय की जानकारी नहीं है। हमलोग विकास का कार्य करने में ध्यान देते हैं इस तरह के तुच्छ विषय की जानकारी रखना हमारे लिए नहीं है। हालांकि मैंने इस विषय पर डीजीपी से बात की है। उन्होंने कहा कि मैं श्री मांझी को अपनी ओर से आम-लीची खरीदकर भेजेंगें।