logo-nestleनेस्ले ने बाजार से मैगी का सारा माल वापस लेने का बड़ा फैसला किया
नई दिल्ली,। लगातार पूरे देश में मैगी के सैम्पल में तय सीमा से ज्यादा लेड की मात्रा पाया जाने और कई राज्यों मों इसके बैन होने के बाद नेस्ले ने बाजार से मैगी का सारा माल वापस लेने का बड़ा फैसला किया है । हालाकि नेस्ले ने दावा किया है कि मैगी पूरी तरह से सुरक्षित है लेकिन मामला शांत होने तक वे बाजार में माल नहीं उतारेंगे ।वहीं दूसरी और भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने भी ये साफ कर दिया है कि दिल्ली और केरल सरकार की रिपार्ट में मैगी नूडल्स में लेड की मात्रा पाई गई है । साथ ही एफएसएसएआई ने दूसरे राज्यों से भी जल्द रिपोर्ट तलब किया है ।वहीं ब्रांड और कम्युनिकेशन एक्सपर्ट मानते हैं कि मैगी का मामला कम्युनिकेशन फेलियर का एक सही उदाहरण है । विवादों में पड़ने के बाद मैगी का कंज्युमर और अपने स्टेकहोल्डर से कम्युनिकेट नहीं करना ब्रांड की सबसे बड़ी गलती है । उनका कहना है कि इसी से मैगी को सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है । अगर कंपनी पूरे मामले को थोड़ा पारदर्शी तरीके से डील करती तो चाहने वालों का भी सपोर्ट मैगी के साथ होता ।
गौरतलब हो कि दो सप्ताह पूर्व उत्तर प्रदेश में मैगी के सैम्पल की जांच के बाद इसमें लेड की मात्रा पाई गयी थि जिसके बाद दिल्ली, उत्तराखंड, गुजरात, तमिलनाडु और नेपाल में भी मैगी की बिक्री पर रोक लग गई है ।मैगी से होने वाले 10 सबसे बड़े नुकसान, बर्बाद हो सकती हैं पीढ़ियांलेकिन जो लेड यानि एमएसजी मैगी में पाया गया है उसके अधिक इस्तेमाल से होने वाले नुकसान के बारे में जानना आपके लिए काफी अहम है। खून की कमी हो सकती है, जोड़ो में समस्या होती है, सीखने की क्षमता पर असर पड़ता है, याददाश्त कमजोर होती है, किडनी को भी नुकसान पहुंचता है, लीवर पर खतरा बढ़ जाता है, न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर आ सकता है, सुनने की समस्या किसी चीज़ पर ज़्यादा देर तक ध्यान न दे पाना, लेड से होने वाले नुकसान का असर काफी सालों पर दिखना शुरु होता है।बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए बेहद खतरनाक लेड की थोड़ी सी भी अधिक मात्रा का इस्तेमाल करने से आपके आईक्यू आपके व्यवहार और आपकी सीखने की क्षमता पर सीधा असर पड़ता है । इसीलिए बच्चों और गर्भवती महिलाओं को इसके संपर्क में आने से रोकने की सलाह दी जाती है। सरकारी तंत्र की नाक के नीचे बिकती रही दशकों से मैगी लेकिन सोचने वाली बात यह है कि अगर सदियों से मैगी सरकार की नाक के नीचे बिकती रही है तो इससे हमारी पीढ़ियों को कितना नुकसान हुआ होगा। इसकी बिक्री सरकारी मशीनरी पर बड़ा सवालिया निशान लगाती है।

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