जल क्रांति को जन आंदोलन बनाये जाने की जरूरत:उमा भारती

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जयपुर ,। केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री सुश्री उमा भारती ने शुक्रवार को कहा कि जल संरक्षण समय की मांग है एवं जल क्रांति को जल आंदोलन बनाया जाना जरूरी है। सुश्री उमा भारती शुक्रवार को जयपुर के बिडला आडिटोरियम में जल क्रांति अभियान के शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रही थीं।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महात्मा गांधी के सिद्धांतों को अंगीकार किया है और वे जन सहयोग एवं भागीदारी पर बल देते हैं। प्रधानमंत्री विकास को जन आंदोलन बनाने में जुटे हैं। जल क्रांति अभियान के विषय में उन्होंने बताया कि यह जनजागरूकता अभियान है। जल संरक्षण की दिशा में एक क्रांति का सूत्रपात है, जो समय की मांग भी है।नदियों को जोड़ने का काम शुरू- सुश्री उमा भारती ने कहा कि उनके मंत्रालय ने नदी जोड़ने की परियोजना पर काम शुरू कर दिया है। पहले चरण में पांच-सात नदियों को जोड़ने का काम होगा। ‘नमामी गंगे’ परियोजना के विषय में उन्होंने बताया इससे केवल गंगा नदी के संरक्षण का काम ही नहीं होगा बल्कि गंगा की सहायक नदियों जैसी चंबल, यमुना के संरक्षण का काम किया जाएगा। नदी को जोड़ने की योजना तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में बनी थी। तब यह परियोजना 5 लाख 60 हजार करोड़ रूपए की थी। उस परियोजना पर विगत 10 साल में कोई काम नहीं हुआ, इस कारण अब उसी योजना पर करीब 11 लाख करोड़ का खर्चा आएगा।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राजस्थान के जल संसाधन मंत्री डा. रामप्रताप ने कहा कि राजस्थान में जल का अभाव है एवं सरकार जल संकट से निपटने के लिए दीर्घकालीन योजनाओं पर कार्य कर रही है। कार्यक्रम को राजस्थान की जल स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भूजल विभाग मंत्री किरण माहेश्वरी, राजस्थान के कृषि एवं डेयरी मंत्री प्रभू लाल सैनी, राजस्थान नदी बेसिन और जल संसाधन योजना प्राधिकरण के अध्यक्ष श्रीराम वेदिरे, जयपुर सांसद रामचरण बोहरा, कोटा-बूंटी के सांसद ओम बिड़ला ने संबोधित किया।

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