मोदी सरकार को गरीबों की चिंता नहीं – भाकपा
भुवनेश्वर, । भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने आरोप लगाया है कि केन्द्र में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्ववाली सरकार कार्पोरेट कंपनियों के हितों का संरक्षण कर रही है जबकि गरीब लोगों की उसे किसी प्रकार का चिंता नहीं है । गत एक साल के शासनकाल में यह बात पूरी तरह स्पष्ट हो गई है । भाकपा के राष्ट्रीय सचिव डी.राजा ने पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में यह आरोप लगाया ।श्री राजा ने कहा कि नरेन्द्र मोदी की सरकार सत्ता में आने के बाद कार्पोरेट कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए कार्य कर रही है । उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा बजेट में कार्पोरेट टैक्स को कम किया जाना तथा गरीब लोगों के सामाजिक सुरक्षा के लिए आवंटित धनराशि को कम करने की घोषणा की है ।श्री राजा ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य,महिला, बाल कल्याण जैसे विषयों में नरेन्द्र मोदी सरकार ने आवंटन कम किया है । नक्सल प्रभावित इलाकों में चलने वाले बैकवर्ड रिजन डेवलपमेंट फंड (बीआरजीएफ) योजना को भी सरकार ने बंद कर दिया है । किसानों की हालत बदतर है । लेकिन मोदी सरकार इस बारे में भी कुछ नहीं कर रही है ।श्री राजा ने आरोप लगाया कि नरेन्द्र मोदी को- ओपरेटिव फेडरेलिजम की बात तो करते हैं लेकिन राज्यों की वित्तीय स्वायत्वता को समाप्त करने पर आमादा हैं । विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में केन्द्रीय अनुदान में कमी कर मोदी सरकार ने यह सिद्ध कर दिया है कि वह राज्यों के वित्तीय स्वायत्तता पर कुठाराघात करना चाहती है ।उन्होंने केन्द्र सरकार द्वारा शुरु किये गये मेक इन इंडिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि मेक इन इंडिया का वास्तविक मतलब यह है कि इस तरह का माहौल बनाना जिसमें बाहरी निवेशकों को यह कहा जाएगा कि आइये और यहां लाभ कमाईये ।उन्होंने भूमि अधिग्रहण अध्यादेश का विरोध करते हुए कहा कि यह किसान व गरीब विरोधी है । उन्होंने कहा कि मोदी सरकार इसे पारित कराने में इतनी जल्दबाजी में क्यों है । उन्होने कहा कि नरेन्द्र मोदी ने चुनाव से पूर्व लोगों के लिए काफी वादे किये थे। लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी इन वादों पर कुछ नहीं किया है ।इस संवाददाता सम्मेलन में पार्टी के प्रदेश सचिव दिवाकर नायक, सह सचिव आशीष कानुनगो, राष्ट्रीय परिषद के सदस्य रामकृष्ण पंडा उपस्थित थे ।