हिमाचल प्रदेश में 74 प्रतिशत से अधिक मतदान

हिमाचल प्रदेश में 74 प्रतिशत से अधिक मतदान
हिमाचल प्रदेश में 74 प्रतिशत से अधिक मतदान

पर्वतीय राज्य हिमाचल प्रदेश में इस बार अब तक का सबसे अधिक 74.45 प्रतिशत मतदान हुआ जहां भाजपा वीरभद्र सिंह नीत कांग्रेस सरकार को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर राज्य की सत्ता से हटाने के साथ ही नोटबंदी और जीएसटी को लेकर प्रतिद्वंद्वी दलों के हमलों से बचाव का प्रयास भी कर रही है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी पुष्पेंद्र राजपूत ने बताया कि शाम पांच बजे मतदान समाप्त होने तक 74. 45 प्रतिशत मतदाता अपने मताधिकारों का इस्तेमाल कर चुके थे। प्रदेश का इससे पहले सर्वाधिक मतदान रिकार्ड 73.5 प्रतिशत था जो कि 2012 विधानसभा चुनावों में हुआ था। परिणामों की घोषणा गुजरात विधानसभा चुनाव के परिणामों के साथ ही 18 दिसंबर को होगी। 68 सदस्यीय हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए मैदान में उतरे 337 उम्मीदवारों में 60 निवर्तमान विधायक शामिल हैं। हिमाचल प्रदेश उन कुछ राज्यों में से एक है जहां कांग्रेस का शासन है।

हिमाचल प्रदेश के साथ ही भाजपा शासित गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के रूख का एक संकेत होगा।

चुनाव में उम्मीवारों में कांग्रेस पार्टी से मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और भाजपा से मुख्यमंत्री पद के दावेदार प्रेम कुमार धूमल शामिल हैं । दोनों की पार्टियों ने अपनी अपनी जीत के दावे किए हैं।

भाजपा के मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी ने कहा , ‘‘हमें कम से कम 60 सीटें मिलेंगी और कांग्रेस एक अंक में सिमट कर रह जाएगी।’’ वहीं कांग्रेस ने पार्टी को समर्थन देने के लिए लोगों का शुक्रिया अदा किया। कांग्रेस के मीडिया पैनेलिस्ट अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा, ‘‘कांग्रेस को सत्ता में बनाए रखने के लिए मतदान करने के लिए हम उनका शुक्रिया अदा करते हैं।’’ उप चुनाव आयुक्त संदीप सक्सेना ने नयी दिल्ली में संवाददाताओं को बताया कि मतदान शांतिपूर्ण रहा। मतदान के लिए राज्य में 7525 मतदान बूथ की स्थापना की गई थी और चुनाव ड्यूटी में 37605 कर्मियों की तैनाती की गई है। राज्य में मतदाताओं की संख्या 50,25,941 है।

इसके साथ ही पुलिस और होमगार्ड के कुल 17850 कर्मियों के अलावा केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल की 65 कंपनियां तैनात की गयीं।

माना जाता है कि पारदर्शी और निर्बाध चुनाव सुनिश्वित करने के लिए पूरे राज्य में तैनात अधिकारियों में 29 सामान्य, तीन पुलिस और 22 व्यय पर्यवेक्षकों के साथ ही 1561 माइक्रो पर्यवेक्षक शामिल हैं।

मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता वीरभद्र सिंह, 10 मंत्री, आठ मुख्य संसदीय सचिव, विधानसभा के उपाध्यक्ष जगत सिंह नेगी, पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता प्रेम कुमार धूमल और 10 से अधिक ज्यादा पूर्व मंत्री समेत अन्य उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं।

मुख्यमंत्री सिंह के नेतृत्व में सत्तारूढ़ कांग्रेस और पूर्व मुख्यमंत्री धूमल की अगुवाई में भाजपा सभी 68 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। बसपा 42 सीट पर, इसके बाद माकपा 14 सीट पर, स्वाभिमान पार्टी और लोक गठबंधन पार्टी छह-छह सीटों पर और भाकपा तीन सीटों पर मैदान में है। इसके साथ ही 112 निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में हैं।

सबसे अधिक 12 उम्मीदवार धर्मशाला में चुनाव मैदान में हैं।

मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री धूमल दोनों ने अपनी सीटें बदली हैं। कांग्रेस नेता जहां अर्की से वहीं भाजपा नेता सुजानपुर से लड़ रहे हैं।

मंगलवार को समाप्त हुए 12 दिन के सघन प्रचार अभियान में भाजपा और कांग्रेस के स्टार प्रचारकों ने 450 से ज्यादा रैलियां कीं। भाजपा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने क्रमश: सात और छह रैलियों को संबोधित किया। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने तीन रैलियों को संबोधित किया ।

भ्रष्टाचार को मुख्य मुद्दा बनाकर प्रचार अभियान में भाजपा ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर जमकर निशाना साधा जबकि कांग्रेस ने जीएसटी और नोटबंदी को लेकर भाजपा पर प्रहार किया ।

मुख्य संसदीय सचिव एवं पहली बार 1967 में करसोग :सु: सीट से निर्वाचित हुए मंसा राम 11वीं बार चुनाव मैदान में हैं।

चुनाव में कुल 19 महिलाएं अपना भाग्य आजमा रही हैं। इनमें छह उम्मीदवारों को भाजपा ने टिकट दिया है और तीन को कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं भाजपा और कांग्रेस के सात..सात बागी उम्मीदवार भी मैदान में हैं। वर्तमान में राज्य की 68 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस और भाजपा के क्रमश: 35 और 28 विधायकों के अलावा चार निर्दलीय विधायक हैं और एक सीट खाली है। राज्य में चुनावी गतिविधियों की सीधी निगरानी के लिए राज्य में 2,307 मतदान केंद्रों में वेब कास्टिंग का इस्तेमाल किया गया।

अधिकारियों ने बताया कि 7,525 इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन और वोटर वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) मशीन का इस्तेमाल किया गया।

अनुमान के अनुसार कुल इस्तेमाल की गई ईवीएम और वीवीपीएटी मशीनों का 10 प्रतिशत रिजर्व में रखा गया।

( Source – PTI )

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