प्रदूषित वातावरण के लिए हम सब जिम्मेदार:

योगेश गोयल

देश के 25 राज्यों में ‘सकारात्मक भारत मिशन’ के लिए कार्यरत दिल्ली की संस्था
‘रामजानकी संस्थान’ द्वारा ‘दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन’ के प्रांगण में अपनी डायमंड जुबली
बैठक का आयोजन ‘सकारात्मक भारत दिवस’ के रूप में किया गया। इस अवसर पर शहीद
चन्द्रशेखर आजाद, बालगंगाधर तिलक, कैप्टन लक्ष्मी सहगल को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए
‘कारगिल विजय दिवस’ के उपलक्ष्य में ‘सकारात्मक भारत दिवस’ राष्ट्र को समर्पित किया गया
तथा विश्व प्रकृति संरक्षण पर संगोष्ठी के साथ रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन
हुआ। आकाशवाणी दिल्ली के ब्रॉडकास्टर और आरजेएस के राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना
ने संस्था की गतिविधियों पर प्रकाश डाला। समारोह में भारत सरकार के कैलाश मानसरोवर
यात्रा राष्ट्रीय स्वागत परिषद के उपाध्यक्ष उदय कौशिक, रेडियो ब्रॉडकास्टर पार्थ सारथी
थपलियाल, भारतीय मतदाता संगठन के संस्थापक व टी.टी.ग्रुप के चेयरमैन रिखबचंद जैन, वरिष्ठ
पत्रकार एवं राजनीतिक विश्लेषक योगेश कुमार गोयल, वेजले फूड के चेयरमैन अमित बजाज,
समाजिक कार्यकर्ता दीवान सिंह, साहित्यकार डा. हरिसिंह पाल व आर एस सुंदरम, टीवी चैनल
आज तक के संजय शर्मा सहित अनेक मीडियाकर्मी व देश के कई राज्यों से संस्था के प्रतिनिधि
उपस्थित रहे। मंच संचालन आकाशवाणी दिल्ली के वरिष्ठ उद्घोषक अशोक शर्मा ने किया और
धन्यवाद ज्ञापन दिल्ली सरकार में ओएसडी दीप माथुर ने किया।
आरजेएस के भव्य समारोह में उपस्थित प्रबुद्धजनों को सम्बोधित करते हुए बतौर
अतिथि व वक्ता वरिष्ठ पत्रकार योगेश कुमार गोयल ने सभी का आव्हान किया कि यहां
उपस्थित लोग आज प्रकृति संरक्षण का संकल्प लें और उस पर ईमानदारी से अमल भी करें।
उन्होंने कहा कि आज प्रदूषित हो रहे वातावरण के जो भयावह खतरे हमारे सामने आ रहे हैं,
उनके लिए जिम्मेदार कहीं न कहीं हम खुद भी हैं, इसलिए प्रकृति संरक्षण के लिए हम सभी को
अपने-अपने स्तर पर अपना योगदान देना होगा। विश्व प्रकृति संरक्षण पर आयोजित इस

संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए श्री गोयल ने कहा कि हमें अपनी इस सोच को बदलना होगा
कि अगर सामने वाला व्यक्ति कुछ नहीं कर रहा तो मैं ही क्यों करूं? अपने सम्बोधन में उन्होंने
कहा कि हर बात के लिए सरकार से अपेक्षा करना ठीक नहीं क्योंकि सरकारों का काम है किसी
भी चीज के लिए कानून या नियम बनाना और जन-जागरूकता पैदा करना लेकिन ईमानदारी से
उनका पालन करने की जिम्मेदारी तो हमारी ही है। श्री गोयल ने आरजेएस की 100वीं बैठक में
उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए आव्हान किया कि अगर हम वाकई प्रकृति संरक्षण
चाहते हैं तो हमें अपनी आदतों में सुधार कर सकारात्मक सोच का प्रसार करते हुए प्रकृति
संरक्षण के लिए अपने आसपास के लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करना होगा।

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