छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की जाति की छानबीन के लिए बनी उच्चाधिकारी प्राप्त समिति ने जोगी के आदिवासी नहीं होने की जानकारी दी है। वहीं जोगी के आदिवासी होने के प्रमाण पत्र को भी खारिज कर दिया गया है।
बिलासपुर के जिलाधीश पी दयानंद ने आज बताया कि जोगी के आदिवासी होने के प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया गया है। उन्होंने इस संबंध में और अधिक जानकारी देने से इंकार कर दिया है।
राज्य के पहले मुख्यमंत्री की जाति की छानबीन के लिए बनी उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने पिछले सप्ताह अपनी रिपोर्ट पूरी की थी। वर्ष 2011 में उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बाद समिति का गठन किया गया था।
मारवाही क्षेत्र के विधायक और अजीत जोगी के पुत्र अमित जोगी ने भाषा से बातचीत के दौरान आरोप लगाया कि यह मामला राजनीति से प्रेरित है। जोगी ने कहा कि उच्चाधिकार प्राप्त समिति राज्य सरकार के कहने पर काम कर रही है। यह उच्चाधिकार प्राप्त समिति नहीं बल्कि मुख्यमंत्री की अधिकार समिति है। अजीत जोगी की नई पार्टी के गठन के बाद से भाजपा और कांग्रेस डरी हुई है।
उन्होंने कहा कि वह इस मामले को लेकर अदालत जाएंगे।
राज्य के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने उच्चाधिकार प्राप्त समिति की रिपोर्ट को लेकर कहा है कि राज्य सरकार जोगी के खिलाफ मामला दर्ज करें।
कांग्रेस ने राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन में कहा है कि जोगी ने फर्जी आदिवासी प्रमाण पत्र का उपयोग किया है इसलिए उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री की जाति को लेकर विवाद लगभग दो दशक पुराना है।
वर्ष 2001 में भारतीय जनता पार्टी के नेता संत कुमार नेताम ने राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग से जोगी की जाति को लेकर शिकायत की थी। नेताम के मुताबिक जोगी ने फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर खुद को आदिवासी बताया है। वहीं इस मामले को लेकर भाजपा के वरिष्ठ आदिवासी नेता और वर्तमान में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंद कुमार साय ने न्यायालय में वाद दायर किया था।
बाद में यह मामला उच्चतम न्यायालय चला गया और वर्ष 2011 में न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि जाति की छानबीन के लिए उच्चाधिकार प्राप्त समिति बनाई जाए और वह अपना फैसला दे। वहीं इस वर्ष जनवरी महीने में छ}ाीसगढ़ उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि उच्चाधिकार प्राप्त समिति 31 मई 2017 तक अपनी रिपोर्ट दे ।
छ}ाीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद अजीत जोगी राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बने थे। वर्ष 2000 से वर्ष 2003 तक वे राज्य के मुख्यमंत्री रहे। इस दौरान वे अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित मारवाही विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे। वर्ष 2003 में कांग्रेस जब भाजपा से पराजित हुई तब रमन सिंह राज्य के मुख्यमंत्री बने।
पिछले वर्ष अजीत जोगी के पुत्र अमित जोगी को जब कांग्रेस से निष्कासित किया गया था तब जोगी ने नई पार्टी का गठन कर लिया था। अभी वह जनता कांग्रेस छ}ाीसगढ़ के मुखिया हैं।
( Source – PTI )