जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आज कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के आश्ववासन के बाद संविधान के अनुच्छेद 35ए के खिलाफ उठ रही सभी आवाजें शांत हो जानी चाहिएं। जम्मू कश्मीर के चार दिवसीय दौरे पर आये सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार ऐसा कोई काम नहीं करेगी जिससे राज्य के लोगों की भावनाएं आहत हों।
उन्होंने कहा कि केंद्र ने अनुच्छेद 35ए को विधिक चुनौती देने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है और न ही अदालत का दरवाजा खटखटाया है। यह अनुच्छेद जम्मू कश्मीर से बाहर के लोगों को राज्य में अचल सम्पत्ति लेने से रोकता है।
सिंह ने कहा, ‘‘इस बारे में किसी तरह की अटकल या आशंका की कोई वजह नहीं है। इसे बिना वजह मुद्दा बनाया जा रहा है। केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर कोई प्रक्रिया शुरू नहीं की है, हम अदालत में भी नहीं गए हैं। मैं यह भरोसा दिलाना चाहता हूं कि मैं केवल अनुच्छेद 35ए के बारे में ही बात नहीं कर रहा हूं, हमारी सरकार जो भी करती है, हम यहां के लोगों की भावनाओं के खिलाफ कुछ भी नहीं करेंगे। हम उसका सम्मान करते रहेंगे।’’ सिंह द्वारा यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करने के बाद उमर ने ट्वीट किया, ‘‘यह केंद्रीय गृह मंत्री की ओर से एक बहुत ही महत्वपूर्ण बयान है। उनका आश्वसन 35ए के खिलाफ उठ रही आवाजों को शांत करने में काफी महत्वपूर्ण होगा।’’ उमर ने कहा कि केंद्र को अनुच्छेद 35ए का बचाव करने के लिए उच्चतम न्यायालय में एक जवाबी हलफनामा दायर करना चाहिए।
( Source – PTI )