इतिहास बनाने के मुहाने पर खड़ा है असम
इतिहास बनाने के मुहाने पर खड़ा है असम

असम विधानसभा की 126 सीटों की चुनावी तस्वीर 19 मई को मतगणना के साथ साफ होगी और यह भी स्पष्ट हो जायेगा कि क्या भाजपा पहली बार पूर्वोत्तर के किसी राज्य में सरकार बनाने की स्थिति में होगी या दिग्गज नेता तरूण गोगोई के नेतृत्व में लगातार चौथी बार राज्य में कांग्रेस की ही सरकार बनेगी। राज्य में कोई सियासी पार्टी खम ठोक कर सरकार बनाने का दावा नहीं कर रही है और एक्जिट पोल में भाजपा के सत्ता में आने का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है।

असम में दो चरणों में हुए मतदान में करीब 82 प्रतिशत मतदान हुआ । चार अप्रैल को 61 सीटों पर हुए मतदान में 84.72 प्रतिशत मतदान हुआ था जबकि 11 अप्रैल को 65 सीटों पर 80 प्रतिशत मतदान हुआ था। कांग्रेस बोडोलैंड क्षेत्र को छोड़कर अन्य भागों में अपने दम पर चुनाव लड़ रही है जबकि भाजपा ने असम गण परिषद के साथ गठबंधन किया है। जेडीयू और आरजेडी ने बदरूद्दीन अजमल की पार्टी एआईयूडीएफ के साथ तालमेल किया है।

राज्य में किसी भी पार्टी या गठबंधन के पक्ष में हवा नहीं दिखी । भारतीय जनता पार्टी ने असम गण परिषद :अगप: के साथ गठबंधन किया, जबकि एच मोहिलारी नेतृत्व वाले बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट :बीपीएफ: के साथ उसका गठबंधन पहले से था।

बिहार में कांग्रेस की सहयोगी जेडीयू ने असम में आरजेडी तथा एआईयूडीएफ के साथ तालमेल करके लोकतांत्रिक मोर्चा बनाया है और बदरूद्दीन अजमल इस मोर्चे के नेता हैं। लोकतांत्रिक मोर्चा के कांग्रेस के वोट में सेंध लगाने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा है।

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, कांग्रेस और भाजपा दोनों परोक्ष रूप से एआईयूडीएफ नेता बदरूद्दीन अजमल को अपने पाले में करने की कोशिश में थी, लेकिन सार्वजनिक तौर पर ये दोनों पार्टियां मौलाना के खिलाफ ही नजर आई जिसका कारण बांग्लादेशी घुसपैठिये के मुद्दे को बताया जा रहा है।

कांग्रेस से 9 विधायकों के साथ हेमंत बिश्व शर्मा के भाजपा में शामिल का भी कुछ नुकसान कांग्रेस पार्टी को होने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा है।

भाजपा ने केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया है, वहीं कांग्रेस की बागडोर तरूण गोगोई के हाथों में है।

( Source – पीटीआई-भाषा )

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *