उप्र, मप्र सरकारों के बीच जल साझेदारी करार के बाद ही केन बेतवा परियोजना का कार्यान्वयन शुरू होगा

उप्र, मप्र सरकारों के बीच जल साझेदारी करार के बाद ही केन बेतवा परियोजना का कार्यान्वयन शुरू होगा
उप्र, मप्र सरकारों के बीच जल साझेदारी करार के बाद ही केन बेतवा परियोजना का कार्यान्वयन शुरू होगा

केन बेतवा नदी जोड़ो परियोजना को हरी झंडी मिलने के बावजूद उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच समझौते के अनुरूप प्रारंभिक जल आवंटन के प्रभावित होने की आशंका को देखते हुए दोनों राज्य सरकारों के बीच परस्पर जल साझेदारी करार होने के बाद ही इस महत्वाकांक्षी परियोजना का कार्यान्वयन शुरू किया जायेगा ।

जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण राज्य मंत्री डा. संजीव कुमार बालियान ने कहा, ‘‘ 4 जुलाई 2017 को मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव और उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग के प्रधान सचिव के साथ उच्चस्तर पर परियोजना की स्थिति की आगे समीक्षा की गई । मध्य प्रदेश ने यह प्रस्ताव रखा है कि कोथा, बीना कम्प्लेक्स और निचले ओर्र बांध को भी परियोजना में शामिल किया जाए । ’’ लोकसभा में अजय मिश्रा टेनी के प्रश्न के लिखित उत्तर में मंत्री ने कहा कि 2005 के समझौते के अनुसार दोनों राज्यों के बीच प्रारंभिक जल आवंटन भी प्रभावित होगा। इसलिए यह निर्णय किया गया था कि दोनों राज्य सरकारों को परस्पर जल साझेदारी के विषस में एक करार करना चाहिए ताकि केन बेतवा लिंक परियोजना को आगे बढ़ाया जा सके । दोनों राज्यों द्वारा जल में साझेदारी के विषय में करार किये जाने के बाद इस परियोजना का कार्यान्वयन शुरू किया जायेगा । ’’ इस परियोजना की उच्च स्तरीय समीक्षा की गई और यह निर्णय किया गया था कि केन बेतवा लिंक परियोजना को एक विशेष परियोजना तंत्र के माध्यम से शुरू किया जाना चाहिए जिसमें एनएचपीसी तथा मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश सरकारों के प्रतिनिधि शामिल हों ।

केन बेतवा लिंक परियोजना से मध्यप्रदेश के छतरपुर, टीकमगढ़ और पन्ना जिलों तथा उत्तरप्रदेश के महोबा, बांदा, ललितपुर और झांसी जिलों में प्रति वर्ष 6,35,661 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई उपलब्ध होगी । इसमें मध्य प्रदेश में 3,69,881 हेक्टेयर और उत्तर प्रदेश में 2,65,780 हेक्टेयर क्षेत्र शामिल है। इसके अलावा परियोजना से उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में आने वाली 13.42 लाख आबादी को 4.9 करोड़ घन मीटर पेयजल उपलब्ध होगा । इस परियोजना से 78 मेगावाट बिजली भी पैदा होगी।

मंत्री ने बताया कि इस परियोजना के निर्माण का कुल समय लगभग 8 वर्ष है।

( Source – PTI )

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