अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में भारत और रूस द्वारा मिलकर चलाए जा रहे कार्कक्रम के अंर्तगत एक समझौता किया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और रशिमन फेडरल स्पेस एजेंसी (रॉसकॉस्मॉस) के बीच हुए इस समझौते का उद्देश्य शांतिपूर्ण तरीके से पारस्परिक हितों का विकास करना है। इसमें उपग्रह नौवहन, प्रक्षेपण विकास, मानव आधारित उड़ान कार्यक्रम के लिए महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियां, पृथ्वी की दूर संवेदी निगरानी, अंतरिक्ष विज्ञान, ग्रह अन्वेषण और जमीनी अंतरिक्ष संरचना शामिल हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ जितेंद्र सिंह ने राज्य सभा में बताया कि भारत और रूस के बीच इस समझौते से अंतरिक्ष सहयोग के विस्तार से इसरो को लाभ होगा। समझौते में संयुक्त परियोजनाओं, विशेषज्ञता और संसाधनों का आदान-प्रदान, अंतरिक्ष प्रणालियों और घटकों का विकास, वैज्ञानिकों का आदान-प्रदान, प्रशिक्षण और वैज्ञानिक तथा तकनीकी बैठकों को रेखाकिंत किया गया है। इन क्षेत्रों में सहयोग किया जाएगा। इसके अलावा समझौते में ऐसे प्रावधानों को भी सम्मिलित किया गया है, जिनका संबंध उद्देश्यों, प्रक्रियाओं और वित्तीय पक्षों में आपसी सहयोग से है।