मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजधानी में कैंसर संस्थान के आधे अधूरे निर्माण के बावजूद उद्घाटन पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है कि यह चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के साथ खिलवाड़ है।
योगी ने यहां चिकित्सा शिक्षा विभाग के एक कार्यक्रम में कल देर रात कहा, ‘‘लखनऊ के चकगंजरिया स्थित कैंसर संस्थान का आधे-अधूरे निर्माण के बावजूद उद्घाटन कर दिया गया। कैंसर जैसी गम्भीर बीमारी के उपचार के लिए बिना पूरी तैयारी और व्यवस्था के उद्घाटन करना स्वास्थ्य व चिकित्सा सेवाओं के साथ खिलवाड़ जैसा है।’’ उन्होंने कहा कि कैंसर संस्थान द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सेवाएं जांच का विषय हैं। उन्होंने राजकीय मेडिकल कॉलेजों व संस्थानों को किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय लखनऊ तथा उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, सैफई, इटावा से संबंद्ध करने के लिए गम्भीरता से कार्य करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने केजीएमयू से संबद्घ रायबरेली रोड स्थित ट्रॉमा सेंटर-2 को बेहतर संचालन के लिए एसजीपीजीआई को हस्तांतरित कराए जाने के भी निर्देश दिए।
राज्य में चिकित्सकों और चिकित्सा शिक्षकों की कमी की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए इस कमी को हर हाल में पूरा करना होगा। इस कमी को दूर करने के लिए कार्य योजना बनाई जाए।
उन्होंने कहा, ‘‘यह हम सबके लिए चिन्ता का विषय है कि ग्रामीण व दूर-दराज के इलाकों और छोटे कस्बों में योग्य चिकित्सकों की कमी है। चिकित्सकों का आकषर्ण शहरों और सुविधाओं की तरफ रहता है, जिनसे उन्हें निजात पाना होगा। उन्हें यह सोचना चाहिए कि जिस समाज और देश ने उन्हें चिकित्सक बनाने में मदद की है, वे उस समाज को क्या दे रहे हैं।’’ इस सन्दर्भ में उन्होंने पढ़ाई पूरी करने के बाद चिकित्सकों को दो या तीन साल ग्रामीण या दूर-दराज के क्षेत्रों में सेवाएं प्रदान किए जाने की बात कही।
( Source – PTI )