कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए कश्मीर में कफ्र्यू और प्रतिबंध जारी है। एक दिन पहले घाटी में संघषरें में दो युवकों के मारे जाने के साथ ही अशांति के दौरान मारे जाने वाले लोगों की संख्या बढ़ कर 78 हो गयी है।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘‘एहतियाती उपाय के तौर पर कश्मीर के बारामूला, तंगमार्ग, पत्तन और हंडवारा शहरों में कफ्र्यू जारी है।’’ अधिकारियों ने अलगाववादियों की संयुक्त राष्ट्र के सैन्य पर्यवेक्षक समूह के स्थानीय कार्यालय तक एक रैली निकालने की योजना को विफल करने के लिए कल पूरी घाटी में कफ्र्यू लगा दिया था। सुरक्षा बलों और कफ्र्यू को धता बताने की प्रदर्शनकारियों की कोशिशों के बीच संघषरें में दो लोगों की मौत हो गयी थी और कई अन्य घायल हो गये थे।
हालांकि दिन के पहले कुछ घंटे शांतिपूर्ण गुजरे लेकिन आज बाद में शहर के कुछ हिस्सों सहित घाटी के कई इलाकों से पत्थर फेंके जाने की घटनाएं हुयी।
घाटी के शेष हिस्सों में लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगा हुआ है। अधिकारियों को लाल चौक और उच्च सुरक्षा वाले गुपकार रोड सहित कुछ संवेदनशील इलाकों को सील करना पड़ा था।
घाटी में आसमान से निगरानी बनाए रखने के लिए हेलीकॉप्टर, ड्रोन और यूएवी लगातार चक्कर लगा रहे हैं।
अतिरिक्त बलों की तैनाती के साथ अधिकारी स्थिति पर नजर बनाए हुये हैं और घाटी में अब तक कहीं से भी किसी बड़ी अप्रिय घटना की खबर नहीं मिली है।
अलगाववादियों ने आज लोगों से राजमार्गों और दक्षिण कश्मीर में बनिहाल से उत्तर कश्मीर में उरी तक जाने वाली सड़कों पर कब्जा कर लेने को कहा था।
सीआरपीएफ ने बताया है कि इसके जवानों को कल जब ईद-उल-अजहा मनाया जा रहा था तबसे कश्मीर घाटी में पत्थर फेंके जाने की कम से कम 67 घटनाओं का सामना करना पड़ा।
हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद नौ जुलाई से कफ्र्यू और अलगाववादियों के बंद के आह्वान के कारण घाटी में 68 वें दिन जनजीवन प्रभावित हुआ।
( Source – पीटीआई-भाषा )