जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय के अधीनस्थ केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) और केंद्रीय भूजल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी) देश के सूखा प्रभावित क्षेत्रों में जल की स्थिति का मौके पर अध्ययन करने के लिए अपने अधिकारियों के तकनीकी दलों को वहां भेज रहे हैं।
ये दल उन समस्याओं एवं कारणों का विश्लेषण करेंगे जिसकी वजह से सूखे जैसे हालात बन गए हैं। इसके अलावा ये दल जल संसाधन के प्रबंधन से जुड़ी चुनौतियों के साथ-साथ जल संबंधी जानकारी एवं इसके पुनर्भरण की योजनाओं में कमी और दीर्घकालिक समाधानों की पहचान करेंगे। इसके साथ ही ये दल जल स्रोतों के संरक्षण, प्रबंधन एवं उनमें पूर्वावस्था की बहाली के उपाय भी सुझायेंगे।
उपर्युक्त दलों को संभावित विकल्पों की एक दीर्घकालिक कार्य योजना भी तैयार करने को कहा गया है। ये दल एक पखवाड़े के भीतर अध्यक्ष (सीडब्ल्यूसी) और अध्यक्ष (सीजीडब्ल्यूबी) को अपनी रिपोर्ट पेश कर देंगे, जो अपनी टिप्पणियों के साथ इन रिपोर्टों को मंत्रालय के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। यह प्रक्रिया जून, 2016 तक निरंतर जारी रहेगी।
इस संबंध में निरीक्षण वाले क्षेत्रों का चयन जल की कमी से जुड़े संकेतकों के आधार पर किया जाएगा। इसके लिए राज्यों के साथ सलाह-मशविरा भी किया जाएगा। इन टीमों में राज्य जल संसाधन विभाग के एक अधिकारी को भी शामिल किया जाएगा।
( Source – PIB )