दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिये देना होगा 5.50 रुपये प्रति यूनिट शुल्क
दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिये देना होगा 5.50 रुपये प्रति यूनिट शुल्क

अगर आप राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बिजली से चलने वाला वाहन लेते हैं तो आपको उसे चार्ज कराने के लिये 5.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से शुल्क का भुगतान करना होगा। दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) ने इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग के लिये 5.50 रुपये प्रति यूनिट का शुल्क तय किया है।

टाटा पावर और दिल्ली सरकार की संयुक्त उद्यम टाटा पावर डीडीएल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक प्रबीर सिन्हा ने यह जानकारी दी है।

जलवायु परिवर्तन संबंधी चुनौतियों को देखते हुये सरकार ने 2030 तक सभी वाहनों को बिजली से चलाने का लक्ष्य रखा है। वहीं अगले तीन से चार साल में डीजल और पेट्रोल से चलने वाले सरकारी वाहनों की जगह इलेक्ट्रिक वाहन लाने की योजना है। इसके लिये सार्वजनिक क्षेत्र की ऊर्जा दक्षता सेवा लि. (ईईएसएल) 10,000 इलेक्ट्रिक कार खरीद रही है।

इलेक्ट्रिक वाहनों को चलाने के लिये बैटरी चार्ज करानी होगी। यह माना जा रहा है कि चार्जिंग केंद्र लगाने में बिजली वितरण कंपनियों की अहम भूमिका होगी। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली मे उत्तर और उत्तर पश्चिम भाग में बिजली वितरण का जिम्मा संभाल रही टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लि. (टाटा पावर डीडीएल) के प्रमुख सिन्हा ने ‘भाषा’ से बातचीत में कहा, ‘‘हम इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग के लिये जरूरी ढांचागत सुविधा तैयार कर रहे हैं। डीईआरसी ने इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिये 5.50 रुपये प्रति यूनिट का शुल्क तय किया है।’’ इलेक्ट्रिक वाहनों पर होने वाले खर्च के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “एक गाड़ी को चार्ज करने में 6 से 8 यूनिट लगेगा और इसके जरिये लगभग 100 किलोमीटर तक की यात्रा की जा सकती है। इस लिहाज से आपको 100 किलोमीटर चलने के लिये लगभग 42 रुपये खर्च करने होंगे जो पेट्रोल और डीजल के मुकाबले काफी सस्ता पड़ेगा और वह पर्यावरण अनुकूल भी होगा।’’ चार्जिंग में लगने वाले समय के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “फास्ट चार्जिग केंद्र इलेक्ट्रिक वाहनों को 30 मिनट में चार्ज कर देते हैं जबकि सामान्य चार्जिंग केंद्र में 6 से 8 घंटे लगते हैं।‘’ सामान्य चार्जिंग केंद्र पर जहां 1,00,000 रुपये तक का खर्च आता हैं वहीं फास्ट चार्जिग केंद्र लगाने में खर्च थोड़ा अधिक बैठता है।

( Source – PTI )

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