वाराणसी में गंगा नदी को निर्मल बनाने के लिए एसटीपी परियोजना पर बोली प्रक्रिया शुरू

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में गंगा को निर्मल एवं अविरल बनाने के लिए जलमल शोधन संयंत्र स्थापित करने और वहां स्वच्छता की दृष्टि से संबंधित आधारभूत संरचना के विकास का कार्य तेजी से आगे बढ़ाने की पहल की जा रही है और सार्वजनिक निजी भागीदारी के तहत इस प्रस्ताव के लिए बोली प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है।
जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय के एक अधिकारी ने ‘भाषा’ को बताया कि इस संबंध में नमामि गंगे : वाराणसी जलमल शोधन संयंत्र सार्वजनिक निजी भागीदारी परियोजना के तहत प्रस्ताव तैयार किया गया है ।
मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, फरवरी 2017 में वाराणसी में जलमल शोधन संयंत्र स्थापित करने और वहां स्वच्छता की दृष्टि से संबंधित आधारभूत संरचना के विकास के लिए बोली प्रक्रिया शुरू की गई है।
जल संसाधन मंत्रालय ने गंगा नदी :संरक्षण, सुरक्षा एवं प्रबंधन: प्राधिकार आदेश 2016 जारी किया था जिसके तहत गंगा नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने के लक्ष्य को हासिल करने में मदद के लिए विभिन्न प्राधिकार के गठन करने की बात कही गई है। गंगा 2016 आदेश गंगा नदी के जल ग्रहण वाले सभी राज्यों पर लागू होते हैं।
इसी के अनुरूप उत्तरप्रदेश जल निगम को उत्तरप्रदेश में जलापूर्ति और जलमल संबंधी कार्यो की देखरेख, नियमन एवं प्रबंधन करने का अधिकार है। अत: गंगा 2016 आदेश के अनुरूप राज्य में नमामि गंगा कार्यक्रम को लागू करने के लिए जल निगम और राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा निगम :एनएमसीजी: के साथ मिलकर सार्वजनिक निजी साझेदारी के आधार पर वाराणसी में जलमल शोधन संयंत्र :एसटीपी: करने का निर्णय किया है।
अधिकारी ने बताया कि जल निगम मुख्य कार्य संपादन एजेंसी होगी और एनएमसीजी इस संबंध में भुगतान करने के लिए जिम्मेदार होगी ।
( Source – PTI )