
सरकार ने आज माना कि वह देश में कोचिंग व्यवस्था को स्वस्थ चलन नहीं मानती और स्कूली शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।
मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने आज लोकसभा में के. परशुराम और वंेकटेश बाबू टीजी के प्रश्न के लिखित उत्तर में लोकसभा में कहा कि सरकार कोचिंग प्रणाली को स्वस्थ चलन नहीं मानती और स्कूली शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि प्रवेश परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन के लिए कोचिंग सेंटरों में पढ़ाई करने वाले छात्रों की संख्या का वास्तविक आकलन नहीं किया गया है।
सदस्यों ने कोचिंग सेंटरों की बढ़ती संख्या की बात करते हुए यह प्रश्न भी किया था कि क्या सरकार कोचिंग सेंटरों में पढ़ाई करने वाले छात्रों द्वारा आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं की खबरों से अवगत है। और क्या इन कोचिंग संस्थानों के नियमन के लिए नीति लाने का सरकार का कोई इरादा है।
मंत्री ने कहा कि इनमें से कई कोचिंग सेंटर अनौपचारिक व्यवस्था के तहत चलते हैं, वहीं कई अन्य राज्य बोडोर्ं के तहत पंजीकृत हैं।
उन्होंने कहा कि आईआईटी के लिए जेईई और अन्य ऐसी प्रवेश परीक्षाएं स्कूली पाठ्यक्रम में पढ़ाई जाने वाली अवधारणाओं पर आधारित होती जा रहीं हैं और इसलिए कोचिंग कक्षाओं की जरूरत कम हो रही है। इसके अलावा योग्य शिक्षक देश में सभी छात्रों को निशुल्क ऑनलाइन कोर्स की पेशकश भी करते हैं ताकि सभी विद्यार्थियों की कोचिंग सेंटरों पर निर्भरता कम हो।
( Source – पीटीआई-भाषा )