हरियाणा संस्कृत अकादमी के वर्ष 2020 के लिए घोषित राज्यस्तरीय अकादमी सम्मान में स्तम्भकार सुशील कुमार का नाम शामिल

लोकडाउन के सकारात्मक चिंतन ने दिलाया महाकवि बाणभट्ट सम्मान

हिसार,23 अक्टूबर

हरियाणा संस्कृत अकादमी ने वर्ष 2020 के राज्यस्तरीय अकादमी पुरस्कारों की सूची जारी कर दी हैं। इसमें स्टील सिटी हिसार से एक संस्कृत विद्वान को सूची में शामिल होने का गौरव प्राप्त हुआ है। न्यू मॉडल टाउन एक्सटेंशन निवासी शिक्षाविद और स्तम्भकार सुशील कुमार ‘नवीन’ को अकादमी ने ‘ महाकवि बाणभट्ट पुरस्कार’ के लिए चुना है। राजभवन चंडीगढ़ में आगामी समय में आयोजित होने वाले राजकीय समारोह में राज्यपाल के हाथों उन्हें यह सम्मान प्राप्त होगा। इसके तहत उन्हें एक लाख रुपये की पुरस्कार राशि के साथ प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया जाएगा।

समय के सदुपयोग की सोच से लेखन को उठी कलम

वतर्मान में शिक्षा विभाग में संस्कृत शिक्षक के रूप में कार्यरत सुशील शास्त्री ने बताया कि अध्ययन काल से ही लेखन में रुचि रही है। सक्रिय पत्रकारिता के दौरान लेखन को भरपूर अवसर प्राप्त हुए हैं। इसके बाद भी लेखन की रुचि लगातार बनी रही है। कोरोना काल उनके लेखन को ऊंचाइयों तक ले जाने ने स्वर्णिम समय की तरह साबित हुआ। शुरुआत में शौकिया तौर पर विभिन्न समाचार पत्रों में लेख लिखने शुरू किए। शुरुआत समय के सदुपयोग की सोच के साथ की। पाठकों की सराहना मिलने लगी तो इन्हें नियमित रूप से लिखना शुरू कर दिया। इसी का परिणाम रहा कि इसी दौरान लिखे लेखों से हिंदी और संस्कृत में चार पुस्तकें तैयार कर डाली। 

अकादमी से दूसरा सम्मान है ये

उन्होंने बताया कि संस्कृत अकादमी से यह उनका दूसरा सम्मान है। इससे पहले वर्ष 2018 के लिए उनकी पुस्तक ‘ वृक्षनाथपितामह:सुरक्षित: ‘ के लिए पुस्तक पुरस्कार के लिए चुना जा चुका है। संस्कृत में एकांतवास, मौक्तिकसम्वेत: तथा हिंदी में क्वारण्टाइन, अनलॉक आदि पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है। तीन पुस्तकों पर अभी काम चल रहा है। पांच पुस्तकों का सम्पादन भी किया है।

ये हैं सुशील शास्त्री

सुशील शास्त्री संस्कृत और हिंदी लेखन में विशेष स्थान रखते हैं। मूल रूप से भिवानी जिले के रहने वाले हैं। वर्तमान में हिसार के न्यू मॉडल टाउन एक्सटेंशन में निवास किए हुए हैं। पत्रकारिता और लेखन में 20 वर्ष का अनुभव है। एक राष्ट्रीय समाचार पत्र के हिसार कार्यालय में मुख्य उपसम्पादक भी रह चुके हैं। देश के विभिन्न समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में लेख प्रकाशित होते रहते हैं। सौ से भी ज्यादा सेमिनार और वेबिनार में भागीदारी की हुई है। वर्तमान में स्वंतत्र लेखन और शिक्षण कार्य से जुड़े हैं।

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