
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने आज नोटबंदी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जिस तरह से इसे लागू किया गया है, वह ‘‘प्रबंधन की विशाल असफलता’’ है और यह संगठित एवं कानूनी लूट-खसोट का मामला है।
सरकार द्वारा 500 रूपये और 1000 रूपये के नोटों को अमान्य किए जाने के बाद उत्पन्न हालात को लेकर इस कदम के विरोध में विपक्ष की मुहिम तेज करते हुए सिंह ने राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में कहा कि इस फैसले से सकल घरेलू उत्पाद में दो फीसदी की कमी आएगी जबकि इसे नजरअंदाज किया जा रहा है।
पूर्व प्रधानमंत्री सिंह ने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री एक व्यावहारिक, रचनात्मक एवं तथ्यपरक समाधान निकालेंगे जिससे आम आदमी को नोटबंदी के फैसले से उत्पन्न हालात के चलते हो रही परेशानी से राहत मिल सके। उन्होंने कहा कि जो परिस्थितियां हैं उनमें आम लोग बेहद निराश हैं। सिंह ने कहा कि कृषि, असंगठित क्षेत्र और लघु उद्योग नोटबंदी के फैसले से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं और लोगों का मुद्रा एवं बैंकिंग व्यवस्था पर से विश्वास खत्म हो रहा है।
उन्होंने कहा कि इन हालत में उन्हें लग रहा है कि जिस तरह योजना लागू की गई, वह प्रबंधन की विशाल असफलता है। यहां तक कि यह तो संगठित एवं कानूनी लूट-खसोट का मामला है।
सिंह ने कहा कि उनका इरादा किसी की भी खामियां बताने का नहीं है। ‘‘लेकिन मुझे पूरी उम्मीद है कि देर से ही सही, प्रधानमंत्री एक व्यावहारिक, रचनात्मक और तथ्यपरक समाधान खोजने में हमारी मदद करेंगे ताकि इस देश के आम आदमी को हो रही परेशानियों से राहत मिल सके।
( Source – PTI )