
झारखंड विधानसभा में आज मुख्य विपक्षी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने मुख्यमंत्री रघुवर दास द्वारा सदन में दिये गये बयान का विरोध करते हुए हंगामा किया। विपक्ष ने यह मांग भी की कि मुख्यमंत्री अपनी टिप्पणियों के लिए खेद जाहिर करें।
आज झारखंड विधानसभा की कार्यवाही जैसे ही प्रारंभ हुई मुख्य विपक्षी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने पिछले दो दिनों की भांति स्थानीयता की नीति और भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन को वापस लेने की मांग के साथ अध्यक्ष के आसन के समक्ष हंगामा प्रारंभ कर दिया।
मामले को शांत न होता देखकर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सदन में तल्ख टिप्पणी की कि जो लोग स्थानीयता के नाम पर राजनीति कर रहे हैं उन्होंने वास्तव में राज्य में स्थानीयता की नीति तय करने के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किये। अलबत्ता उनकी सरकार ने स्थानीयता की उचित नीति बनाकर राज्य में बड़े पैमाने पर लोगों को नौकरी दी है। उन्होंने बताया कि राज्य में पिछले दो वर्षों के भीतर इस नीति के बन जाने के बाद पचपन हजार से अधिक लोगों को सरकारी नौकरी दी गयी है जिनमें 95 प्रतिशत स्थानीय झारखंडी लोग लाभान्वित हुए हैं।
झामुमो का हंगामा बढ़ने पर सदन की कार्यवाही विधानसभाध्यक्ष दिनेश उरांव ने दोपहर बाद दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। दोपहर बाद सदन की कार्यवाही में झामुमो ने मुख्यमंत्री के बयान पर पर एतराज जताया और उसे सदन की कार्यवाही से निकाले जाने की मांग की।
जब विधानसभाध्यक्ष ने कहा कि इस बारे में वह सदन की कार्यवाही की रिपोर्ट देखकर बाद में फैसला करेंगे तो विपक्ष के नेता हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झामुमो के विधायकों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए सदन से बहिर्गमन किया।
( Source – PTI )