बाढ़ व सूखे के कारण और निवारण – देश मे जनसंख्या बढ़ने के कारण जमीन का बहुत सारा हिस्सा मकानों, सड़कों, मिलों और अन्य उपयोगों के लिए पक्का कर दिया जाता है, जहा पानी जमीन मे सोखने के वजाय, तुरंत बह कर नालो और नदियों मे बाड़ का कारण बन जाता है | क्योंकि जमीन मे पानी सोखना कम हो रहा है, भूजल स्तर नीचे गिरता जा रहा है | पहले हर गाव मे तालाव व पोखर होते थे, वे भी लुप्त प्राय हो रहे है | हरियाली कम हो रही है, जानवरो को पानी नही मिल रहा और कुओं का स्तर बहुत नीचे गिर चुका है | इसका साधारण निवारण है, वर्षा का पानी अधिक से अधिक जमीन मे सोखे उसके लिए अधिक से अधिक जल संचय के साधन, यानी तालाव, पोखर, व ‘रेटेन्सन पॉण्ड’ बनाए जांय | नए कंस्ट्रक्सन मे, जितना जमीन सोखना कम हुआ है उतना ही पानी इकट्ठा करने के लिए पोखर व ‘रेटेन्सन पॉण्ड’ बनाना आवश्यक किया जाये | तालाव, पोखर, व ‘रेटेन्सन पॉण्ड’ से बाड़ व सूखे की समस्या ही हल नही होगी, हवा ने नमी आएगी, गर्मी कम होगी, घास व पेड़ अच्छे उगेंगे, पर्यावरण सुधरेगा, यहां तक कि पोखर मे फब्बारे लगा कर घूमने की जगह और सुंदरता बनाई जा सकती है | मेरा यह सुझाव मेरा नही, Water Resources Management का है, जो मेरा खास अनुभव व वरीयता विषय है | सरकार से निवेदन है कि इस सुझाव को तुरंत प्रतिपादित करे | Truly, Hari B. Bindal, PhD, P.E. Recipient, ‘Pravasi Bharatiya Samman’ and ‘Pravasi UP Ratna’ Awards, Founder, ‘American Society of Engineers of Indian Origin (ASEI), Commissioner, PG’s County, Solid Waste Advisory Committee, Served, Numerous Indian-American Organizations, Professional Engineer, Poet, and Social Activist, Retired, US Dept of Homeland Security. 7605 Quicksilver Ct Bowie, MD 20720 301- 262-0254 hbindal@aol.com

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