
सीमा सुरक्षा बल ने घुसपैठ और मादक पदाथरे की तस्करी को रोकने के लिए जैसलमेर से लगती अन्तरराष्ट्रीय सीमा पर अर्ली वार्निग सिस्टम के बाद कुछ संवेदनशील क्षेत्र में लगी तारबन्दी में प्रायोगिक तौर पर करंट छोड़ा है। केन्द्र सरकार जम्मू कश्मीर व पंजाब से लगती सीमा के कुछ हिस्से में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लेजर वॉल स्थापित कर रही है ।
सीमा सुरक्षा बल राजस्थान के प्रवक्ता उपमहानिरीक्षक रवि गांधी ने बताया कि पाकिस्तान से लगती जैसलमेर जिले की सीमा पर किशनगढ़ बल्ज क्षेत्र में 20-22 किलोमीटर तक तारबन्दी में विद्युत प्रवाहित कर एक नया परीक्षण शुरू किया गया है। उन्होंने बताया कि जैसलमेर जिले की पाकिस्तान से लगते किशनगढ़ बल्ज क्षेत्र में अति संवेदनशील कुछ हिस्सांे में तारबन्दी में करंट प्रवाहित करना शुरू कर दिया है । इसका प्रयोग सफल होने पर इसे अन्य क्षेत्रों में आजमाया जायेगा।
उन्होंने बताया कि राजस्थान में 1040 किलोमीटर लम्बी सीमा पाकिस्तान से सटी हुई है। पूरे क्षेत्र में सीमा पर तारबन्दी की हुई है तारबन्दी के बावजूद कई बार तस्कर व घुसपैठिये इसे लांघ कर भारतीय सीमा में प्रवेश कर जाते है। इसे रोकने के लिए बीएसएफ ने अब निगरानी बढाने के साथ तारबन्दी में करंट प्रवाहित करने का फैसला किया है।
गांधी के अनुसार भारत की 3323 किलोमीटर लम्बी सीमा पाकिस्तान से सटी हुई है। यह मुख्य रूप से पंजाब, राजस्थान, जम्मू कश्मीर व गुजरात में है। इससे पूर्व सीमा सुरक्षा बल ने हाल ही में पाकिस्तान से सटी सीमा पर अर्ली वार्निग सिस्टम साउथ क्षेत्र में शुरू किया था । पाकिस्तान से लगती जैसलमेर सीमा पर सिंगल फैनसिंग है ।
( Source – पीटीआई-भाषा )