टंट्या भील की याद में स्मृति वन की स्थापना

नई दिल्ली: विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने प्रदेशभर में वृक्षों का रोपण किया। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजा राजेंद्र सिंह के निदेशानुसार क्षत्रिय समाज देशभर में वृक्षारोपण अभियान चलाया और आदिवासी दिवस के अवसर पर प्रत्येक व्यक्ति एक वृक्ष लगाने का संकल्प किया। इसी अवसर पर राजधानी भोपाल में महासभा ने गरीबों, आदिवासियों के मसीहा राबिन हुड के नाम पर टंट्या भील स्मृति वन लगाने का प्रण किया और वृक्षारोपण किया। चूना भट्टी क्षेत्र में आदिवासी हास्टल के सामने टंट्या भील स्मृति वन स्थापना के मौके पर महासभा के मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष पुष्पेन्द्र सिंह ने कहा कि निमाड के घने जंगलों में पले बढे टंटया भील ने अंग्रेजों के खिलाफ जबर्दस्त गुरिल्ला लड़ाई लड़कर एक मिसाल पेश की। आज टंट्या केवल आदिवासियों के ही नायक नहीं हैं अपितु वे हमेशा सभी के लिए प्रेरणादायी बने रहेंगे। दरअसल टंट्या भील एक ऐसे शख्स थे, जो अकेले ही सेना के बराबर थे। अंग्रेजों ने ही इंडियन राबिन हुड की उपाधि दी जबकि आदिवासियों में प्रदेश के इस जननायक की पहचानमामा के रूप में थी।अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जैनेंद्र पंवार ने कहा की टंट्या भील एक एतिहासिक वीर पुरुष था जिनकी किवदंती या आज भी आदिवासियों के मन पर वह मस्तिक मर स्मरणीय है एवं हमारी अखिल भारतीय महासभा ने आदिवासी दिवस पर भोपाल में वृक्षारोपण का कार्यक्रम आयोजित किया है और यह आयोजन यह दर्शाता है कि सभी वर्गों क लोगों को आदिवासियों के प्रेम व सहयोग को याद करना चाहिए साँथ ही प्रकृति प्रेम सर्वोच्च है आदिवासी दिवस के आयोजन पर महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री व राष्ट्रीय प्रवक्ता शक्ति सिंह चंदेल ने कहा की टंट्या भील स्वाधीनता के स्वर्णिम इतिहास में यह योद्धाओं में एक अमिट अध्याय थे। आदिवासी दिवस के उपलक्ष में अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा मध्य प्रदेश द्वारा एक ऐतिहासिक आयोजन करते हुए वृक्षारोपण कर प्रगति प्रेम व आदिवासी दिवस पर संदेश देती है यह वर्णित किया कि क्षत्रिय समाज सहित मानव दायित्वों का सदैव निर्वहन करता आया है और करता रहेगा अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा इस उत्कृष्ट कार्य को आधार मानकर वार्षिक आयोजन भी आदिवासी दिवस पर करेगा। राष्ट्रीय महामंत्री/राष्ट्रीय प्रमुख मीडिया प्रभारी उमेश कुमार सिंह का कहना है कि उनके नाम के इस स्मृति वन से हमें हमेशा बहादुरी की प्रेरणा मिलती रहेगी। वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष नीरज सिंह बघेल ने कहाकि उस समय जब लोग संगठित नहीं हो पाते थे तब टंट्या भील ने अंग्रेजों से लोहा लेने के लिए आदिवासियों को संगठित किया। कार्यक्रम में देशभर से एकत्रित हुए पदाधिकारी जिनमें महिला प्रदेश अध्यक्ष रानी पूर्णिमा सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष उत्कर्ष सिंह,संभाग अध्यक्ष महेन्द्र प्रताप सिंह, जिला अध्यक्ष सचिन सिंह,महिला संभाग अध्यक्ष प्रतिभा सिंह तोमर, जिला अध्यक्ष योगिता सिंह एवं जगदीप सिंह बेस, जिला अध्यक्ष झाबुआ डा.अर्चना सिंह राठौर, मीडिया प्रभारी दामोदर सिंह देवड़ा, आदि देश के सैकड़ों पदाधिकारी उपस्थित थे। 

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