टिकाऊ उपभोक्ता उत्पाद बनाने वाली कंपनियां मुफ्त उपहार तथा छूट आदि की पेशकश कर इस त्योहारी सीजन में कुल बिक्री में 40 प्रतिशत तक हिस्सेदारी हासिल करने की उम्मीद कर रही हैं। उन्हें उम्मीद है कि वे इस तरह से उपभोक्ताओं को आकर्षित कर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन के बाद आयी दिक्कतों से उबर सकती हैं।
सोनी, एलजी, पैनासोनिक और हैयर जैसे विनिर्माता कारोबारी भागीदारों द्वारा जून में भंडार में कटौती करने के कारण मांग पर जीएसटी के बाद आयी दबाव को लेकर उम्मीद कर रहे हैं कि अब मांग में फिर से तेजी आएगी। ये कंपनियां विपणन मुहिमों पर भी काफी खर्च कर रही हैं। सोनी अकेले इसके लिए 250 करोड़ रुपये खर्च कर रही है जबकि पैनासोनिक भी ब्रांडिंग और विपणन पर खर्च 1.4 गुना करने वाली है। हैयर भी पिछले साल की तुलना में इस साल 70 प्रतिशत अधिक खर्च कर रही है।
सोनी इंडिया के प्रबंध निदेशक केनिचिरो हीबी ने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘इस साल त्योहारी सीजन में अगस्त से नवंबर के दौरान हम पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में बिक्री में 25 प्रतिशत इजाफा की योजना बनाये हैं।’’ उन्होंने बाजार में मांग अधिक होने तथा त्यौहारी सीजन से पहले इसके और बढ़ने की संभावना जताते हुए कहा, ‘‘हमने विपणन गतिविधियों में 250 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना बनायी है।’’ उद्योग संगठन कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड अप्लायंसेज मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन (सिएमा) ने कहा कि इस त्योहारी सीजन में अधिकांश कारक मांग में तेजी का संकेत कर रहे हैं। सिएमा के अध्यक्ष मनीष शर्मा ने कहा, ‘‘जीएसटी के कारण मांग के दबने और बेहतर मानसून के कारण फसल अच्छा होने से टिकाऊ उपभोक्ता उत्पाद की घरेलू मांग बढ़ने की उम्मीद है।
उन्होंने आगे कहा कि केंद्रीय कर्मचारियों के भत्ते में वृद्धि तथा अगस्त में रिजर्व बैंक के नीतिगत दरों में कटौती से उपभोक्ता धारणा बेहतर होने की संभावना है। इससे टिकाऊ उपभोक्ता उत्पाद की बिक्री तेज होने की उम्मीद है।
उल्लेखनीय है कि दक्षिण भारत में ओणम के साथ ही देश में त्योहारी सीजन की शुरुआत हो चुकी है और यह दिसंबर में क्रिसमस तक जारी रहेगा।
( Source – PTI )