नई दिल्ली : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने रक्षा क्षेत्र की ओर निवेशकों का ध्यान आकर्षित करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। जिसके तहत मंगलवार को कैबिनेट ने यूपी रक्षा और एयरोस्पेस इकाई एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2018 को मंजूरी दे दी है। इससे अब प्रदेश में फाइटर प्लेन, टैंक, हेलीकॉप्टर समेत सभी तरह के रक्षा उपकरण बनाए जा सकेंगे।
सूबे में होगा 50 हजार करोड़ का निवेश
सरकार ने बयान जारी कर कहा है कि उत्तर प्रदेश में डिफेंस कॉरिडोर बनाने की दिशा में सरकार के वादे को लेकर ये एक और अहम कदम है। डिफेंस कोरिडोर के लिए बुंदेलखंड में 3000 हेक्टेयर जमीन की पहचान यूपी एक्सप्रेसवे इन्डस्ट्रियल डेवेलेपमेंट ऑथोरिटी ने कर ली है। इसके अधिग्रहण की कार्यवाही भी शुरू कर दी गई है। सरकार के मुताबिक, डिफेंस कॉरिडोर निवेशकों को आकर्षित करेगा और इसके जरिए सूबे में 50 हजार करोड़ रुपए का संभावित निवेश होगा।
इन 6 जिलों से गुजरेगा एक्सप्रेसवे, पैदा होंगी 2.5 लाख नौकरियां
सूबे सरकार के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट के कार्यरत होने पर न सिर्फ यूपी की ओर निवेशकों का ध्यान आकर्षित होगा, बल्कि इससे आने वाले पांच साल के भीतर 2.5 लाख नौकरियां भी पैदा होंगी। एक्सप्रेसवे प्रदेश के छह जिलों, अलीगढ़, आगरा, कानपुर, लखनऊ, झांसी और चित्रकूट से गुजरेगा।
उप्र एक्सप्रेस-वे विकास प्राधिकरण को मिली जिम्मेदारी
डिफेंस कॉरिडोर के लिए आधारभूत ढांचा विकसित करने की जिम्मेदारी उप्र एक्सप्रेस-वे विकास प्राधिकरण संभालेगा। कोरिडोर को मेगा ऐंकर यूनिट और ऐंकर यूनिट के तहत बनाया जाएगा। जिसमें एक हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश मेगा एंकर की श्रेणी में और एक हजार करोड़ रुपए से कम निवेश वाली कंपनियां ऐंकर यूनिट के तहत आएंगी। प्रमुख सचिव (सूचना) अवनीश अवस्थी ने बताया है कि कैबिनेट ने पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के लिए 12,000 करोड़ रुपए का बैंक लोन लेने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। इसके लिए पंजाब नेशनल बैंक को लीड बैंक बनाया गया है।