सरकार की अनाथालय एवं शिशु देखभाल संस्थानों की रैकिंग की योजना है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज यह जानकारी दी।
महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय के एक अध्ययन के बाद यह कदम उठाया गया है। इस अध्ययन में यह सामने आया कि जिन 9000 शिशु देखभाल संस्थानों का सर्वे किया गया उनमें से आधे से ज्यादा किशोर न्याय (देखभाल एवं सरंक्षण) कानून 2015 के तहत पंजीकृत नहीं हैं।
सर्वेक्षण के बाद महिला एवं बाल कल्याण मंत्री मेनका गांधी ने राज्य सरकारों को इन अनाथालयों का पंजीकरण एवं इन संस्थानों में आधारभूत सुविधाओं की बेहतरी सुनिश्चित कराने के लिए लिखा।
महिला एवं बाल कल्याण सचिव आर के श्रीवास्वत ने बताया, ‘‘हम शिशु देखभाल संस्थानों की रैकिंग करेंगे। हम रैंक प्रदान करने के मानकों को अभी तय कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि बेहतर संस्थान वे होंगे जिनमें अच्छी सुविधाएं, शौचालय, स्वच्छता एवं प्रसन्न बच्चे होंगे।
( Source – PTI )