

आतंकवाद को ‘कतई बर्दाश्त नहीं करने’ की पहल की पुरजोर वकालत करते हुए भारत और जापान ने अल कायदा और पाकिस्तान स्थित जैश ए मोहम्मद एवं लश्कर ए तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ सहयोग को और मजबूत करने पर आज सहमति व्यक्त की ।
वार्षिक शिखर सम्मेलन के बाद जारी संयुक्त बयान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष शिंजो आबे ने पाकिस्तान से 2008 के मुम्बई आतंकी हमले और 2016 के पठानकोट हमले समेत अन्य आतंकी हमलों को अंजाम देने वालों को न्याय के कटघरे में खड़ा करने को कहा ।
इसमें कहा गया है कि दोनों नेताओं ने आतंकवाद और हिंसक चरमपंथ की बढ़ती बुराई की ‘कड़े से कड़े’ शब्दों में निंदा की ।
संयुक्त बयान के अनुसार, ‘‘ दोनों नेताओं ने इस विचार को साझा किया कि आतंकवाद सभी स्वरूपों में एक वैश्विक अभिशाप है और इसे ‘कतई बर्दाश्त नहीं करने की भावना’ के साथ समन्वित वैश्विक कार्रवाई के तहत पुरजोर तरीके से मुकाबला किया जाना चाहिए । ’’ दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने सभी देशों से आतंकवाद के पनाहगाहों, इससे जुड़े आधारभूत ढांचे को समाप्त करने और आतंकी नेटवर्क एवं इसके वित्त पोषण के सम्पर्कों को जड़ से उखाड़ने का आह्वान किया, साथ ही सीमापार आतंकवाद के प्रवाह पर लगाम लगाने पर भी जोर दिया ।
इसे परोक्ष रूप से पाकिस्तान के संदर्भ में देखा जा रहा है।
( Source – PTI )