
अगले पांच साल में भारत एशिया प्रशांत में अधिक दबदबे वाली स्थिति में होगा। इस दौरान भारतीय कंपनियांे से संबंधित सीमापार सौदांे की संख्या में भी उल्लेखनीय इजाफा होगा। वैश्विक विधि कंपनी बाकर मैकिंजी एंड मर्जर मार्केट की रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार एशिया प्रशांत के 150 उद्योग जगत के दिग्गजांे से इस पर विचार लिए गए हैं। इनमें से 90 प्रतिशत ने कहा कि भारतीय कंपनियांे से संबंधित सीमापार विलय एवं अधिग्रहण सौदांे में बढ़ोतरी होगी।
बाकर मैकिंजी के वैश्विक प्रमुख :इंडिया प्रैक्टिस: अशोक लालवानी ने कहा, ‘‘वैश्विक अनिश्चितता के बीच अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश में एशिया प्रशांत की भूमिका बढ़ेगी। इसके अलावा भारत सरकार के प्रगतिशील रख से भारत में व्यापार करने की स्थिति सुगम हो रही है। साथ ही क्षेत्र में भारत का प्रभाव बढ़ रहा है।’’ सर्वेक्षण में शामिल 95 प्रतिशत लोगांे का मानना था कि आगामी पांच वषरें में क्षेत्र में भारत का आर्थिक प्रभाव बढ़ेगा। वहीं 77 प्रतिशत की राय थी कि चीन का प्रभाव बढ़ना जारी रहेगा।
( Source – PTI )