
भारतीय हाकी टीम ने चैम्पियंस ट्राफी में अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए विश्व चैम्पियन आस्ट्रेलिया से विवादों भरे फाइनल के पेनल्टी शूटआउट में 1 . 3 से हारने के बाद रजत पदक अपनी झोली में डाला।
केवल हरमनप्रीत सिंह ही शूटआउट में गोल कर सके जबकि एस के उथप्पा, एस वी सुनील और सुरेंद्र कुमार लक्ष्य को नहीं भेद पाये। आस्ट्रेलिया ने 3 . 1 की विजयी बढ़त बना ली थी जिससे जीत सुनिश्चित करने के लिये केवल चार ही प्रयास की जरूरत पड़ी।
अरान जालेवस्की, डेनियल बीले और साइमन ओरचार्ड ने आस्ट्रेलिया के लिये गोल किये जबकि ट्रेंट मिटन के प्रयास का भारतीय गोलकीपर ने बचाव किया।
भारत ने इस तरह 1982 में कांस्य पदक के प्रदर्शन में सुधार किया।
शूटआउट में काफी ड्रामा हुआ क्योंकि बीले का शाट दोबारा लगवाया गया। वह गोल नहीं कर सके थे और उन्होंने वीडियो समीक्षा की मांग की। वीडियो अंपायर ने दोबारा शाट लगाने के लिये कहा जिससे भारतीय कोच रोलेंट ओल्टमेंस गुस्से में आ गये।
मैच के अंत में भारत ने बीले को दूसरा प्रयास दिये जाने के फैसले का विरोध किया, जिससे मैच के परिणाम की घोषणा में देरी हुई।
( Source – पीटीआई-भाषा )