अन्नाद्रमुक प्रमुख जे जयललिता ने आज छठीं बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली।
राज्य में 32 साल का इतिहास बदलते हुए जयललिता ने लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए आज शपथ ली है। उनके शपथ ग्रहण समारोह में द्रमुक ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई जबकि राज्य में अब तक प्रतिद्वन्द्वी के शपथ ग्रहण समारोह से दूर रहने का चलन रहा है।
68 वर्षीय जयललिता के साथ उनके 28 अन्य करीबियों ने भी शपथ ली जिनमें ओ पन्नीरसेल्वम शामिल हैं।
तमिलनाडु के राज्यपाल के रोसैया ने इन लोगों को शपथ दिलाई और सभी ने ईश्वर के नाम पर तमिल में शपथ ली।
अपने मंत्रिमंडल में अन्नाद्रमुक प्रमुख ने पूर्ववर्ती मंत्रिमंडल के 15 चेहरों को बरकरार रखा है और तीन महिलाओं सहित 13 नए चेहरे शामिल किए हैं।
शपथ ग्रहण समारोह में केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू, पोन राधाकृष्णन, लोकसभा उपाध्यक्ष और अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेता एम थंबीदुरई तथा जयललिता की खास सखी शशिकला मौजूद थे और आगे की पंक्ति में बैठे थे।
द्रमुक के कोषाध्यक्ष एम के स्टालिन, द्रमुक के पूर्व मंत्री ई वी वेलु, पोनमुडी, पार्टी के विधायक शेखर बाबू, वगई चंद्रशेखर और कू का सेल्वम भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। दशकों से राज्य में द्रमुक नेता और अन्नाद्रमुक नेता एक दूसरे के शपथग्रहण समारोहों से स्वयं को दूर रखते थे।
अन्नाद्रमुक समर्थकों के ‘‘पुरची थलवी अम्मा वझगा’’ :क्रांतिकारी नेता अम्मा अमर रहे: नारों के बीच जयललिता मद्रास विश्वविद्यालय के सजे धजे ऑडिटोरियम पहुंचीं। वह हरे रंग की साड़ी पहने हुए थीं। नारों की गूंज जयललिता के शपथ लेने के बाद दस्तावेजों के हस्ताक्षर करने तक सुनाई दी।
राज्य के विभिन्न भागों में शपथ ग्रहण समारोह का सीधा प्रसारण करने के लिए प्रमुख स्थानों पर विशाल एलईडी स्क्रीन लगाए गए थे।
( Source – पीटीआई-भाषा )