नई दिल्लीः बोधगया के मस्तीपुर स्थित प्रजना सोशल वेलफेयर संस्था के संचालक बांग्लादेशी बौद्ध भिक्षु संघ प्रिया उर्फ भंते सुजॉय की कोर्ट में पेशी के बाद गुरुवार को जेल भेज दिया गया। भंते के खिलाफ बोधगया थाने में असम के अरुण विकास चकमा के बयान पर आईपीसी की धारा 341, 323, 377, 504, 506 व 4, 6, 8, 10, 12 पोक्सो एक्ट के तहत प्राथमिकी हुई है। पुलिस प्रजना ज्योति बुद्धिस्ट नोविस स्कूल एंड मेडिटेशन सेंटर की जांच शुरू कर दी है। उधर,इस मामले में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पुलिस ने पाया है कि मेडिटेशन सेंटर में बाल भिक्षुओं को कथित तौर पर सेक्स वर्कर बना कर रखा जाता था। उन्हें जबरन वरिष्ठ बौद्ध भिक्षुओं के साथ न्यूड डांस कराया जाता था। शोषण का शिकार होने वाले इन बच्चों को खास किस्म की ट्रेनिंग के नाम पर देश के उत्तर पूर्वी राज्यों से लाया जाता था। ज्यादातर बच्चे इनमें त्रिपुरा और असम से होते थे। यही नहीं, कुछ बाल भिक्षुओं को यहां से कोलकाता और अन्य जगहों पर अलग -अलग क्लाइंट्स के पास भेजा जाता था।
जांच के लिए पहुंची एफएसएल की टीम:
यौन शोषण मामले के खुलासे के बाद गुरुवार को पटना से एफएसएल की टीम बोधगया पहुंची है। टीम ने संस्थान पहुंचकर विभिन्न बिंदुओं पर जांच शुरू कर दी है। टीम बच्चों से अप्राकृतिक यौनाचार का साक्ष्य जुटा रही है। .
32 बच्चों की हुई मेडिकल जांच:
प्रजना ज्योति के छात्रावास में रह बौद्ध शिक्षा पा रहे सभी 32 बच्चों की गया के जेपीएन अस्पताल में मेडिकल जांच करायी गई। इनमें बुधवार को मेडिटेशन सेंटर से परिजनों के साथ असम जा रहे 15 बच्चे भी हैं। शुक्रवार को इन बच्चों का कोर्ट में 164 का बयान दर्ज होगा। इसके बाद इन्हें चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के समक्ष पेश किया जायेगा। कमेटी से मिले निर्देश के बाद बच्चों को परिजनों के हवाले किया जायेगा।