
कावेरी नदी से जल छोड़ने को लेकर विवाद के बीच, शहर में उस समय हिंसा बढ़ गई जब गुस्सायी भीड़ ने तमिलनाडु के पंजीकरण वाली कम से कम 30 बसों और ट्रकों में आग लगा दी। इससे देश की आईटी राजधानी में तनाव और बढ गया।
तमिलनाडु को कावेरी जल छोड़ने को लेकर आदेश में उच्चतम न्यायालय द्वारा संशोधन और पड़ोसी राज्य में कर्नाटक के लोगों पर कथित हमले की खबरों के बाद हिंसा हुई जिससे शहर में दहशत का आलम रहा। शहर की स्थिति सामान्य होने तक निषेधाज्ञा लगाई गई है।
प्रदर्शनकारियों ने तमिलनाडु के पंजीकरण वाली बसों और ट्रकों तथा इस राज्य से जुड़ी दुकानों तथा प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की। इस हिंसा में एक ट्रैवल कंपनी डिपो सबसे ज्यादा प्रभावित हुई जिसकी कई बसों को आग के हवाले कर दिया गया।
आगजनी की घटनाएं ऐसे समय हुई जब पुलिस ने कहा कि उसने 15 हजार पुलिसकर्मियों की तैनाती करके पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की है तथा कर्नाटक प्रदेश रिजर्व पुलिस, शहर आम्र्ड रिजर्व पुलिस, रैपिड एक्शन फोर्स, क्विक रिएक्शन टीम, विशेष बल, सीआईएसएफ और आईटीबीपी के जवान मोर्चा संभाल रहे हैं।
कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि सरकार को प्रदर्शन इस हद तक जाने की उम्मीद नहीं थी। उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद थी कि अगर फैसला हमारे खिलाफ जाता है तो थोड़ा प्रदर्शन होगा लेकिन इस हद तक जाने की उम्मीद नहीं थी। यह सभी ‘हिट एंड रन’ जैसी चीजें हैं जहां 20 . 30 लोग एकजुट होकर वहां प्रदर्शन कर रहे हैं जहां पुलिस नहीं है और फिर अचानक भाग जाते हैं।’’ उन्होंने कहा कि स्थिति को काबू में किया जा रहा है और 200 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
उन्होंने कहा कि बलों को संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया जा रहा है, विशेषकर जहां तमिलनाडु के लोग और प्रतिष्ठान हैं।
मंत्री ने कहा कि हम सर्वोच्च स्तर का ऐहतियात बरत रहे हैं। हमें केन्द्रीय बलों की 10 कंपनियां मिली हैं। हमने और का आग्रह किया है।
( Source – PTI )