
छत्तीसगढ़ में महिला कोष की ऋण योजना के तहत अब तक 32 हजार से ज्यादा स्वयं सहायता समूहों को 66 करोड़ 95 लाख रुपये का ऋण वितरित किया गया है।
आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि राज्य सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित छत्तीसगढ़ महिला कोष की ऋण योजना के तहत अब तक 32 हजार 407 स्वयं सहायता समूहों को 66 करोड़ 95 लाख रुपये का ऋण वितरित किया जा चुका है।
अधिकारियों ने बताया कि राज्य में इस योजना की शुरुआत 15 अगस्त 2003 को हुई थी। योजना के तहत स्वयं सहायता समूहों को तीन प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज की दर पर प्रथम बार 50 हजार रुपये तक ऋण प्रदान किया जाता है।
स्वयं सहायता समूह को 24 किस्तों में ऋण की रकम वापस करने की सुविधा दी जाती है। इसी प्रकार दूसरी बार में दो लाख रुपये तक का ऋण दिया जाता है, जिसे 36 किस्तों में लौटाने की सुविधा होती है।
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत एचआईवी पीड़ित महिलाओं को मुख्य धारा में लाने और आर्थिक गतिविधियों से जोड़ने के लिए जिलाधिकारी के अनुमोदन के बाद 10 हजार रुपए तक का ऋण प्राथमिकता के आधार पर तीन प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज की दर पर दिया जाता है।
इसके अलावा एचआईवी पीड़ित महिलाओं द्वारा गठित स्वयं सहायता समूह को एक लाख रुपए तक का ऋण उपलब्ध कराया जाता है।
छत्तीसगढ़ महिला कोष की महाप्रबंधक हेमलता मिश्रा ने बताया कि वर्ष 2016-17 में अब तक नौ करोड़ 29 लाख 55 हजार रुपए का ऋण वितरित किया गया है।
( Source – PTI )