
केंद्र सरकार के कर्मचारियों और एनजीओ के अधिकारियों को पति या पत्नी और आश्रित बच्चों की संपत्तियों और देनदारियों का ब्यौरा नव संशोधित लोकपाल अधिनियम के तहत दाखिल करने से छूट दी गई है।
लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 के अनुसार सभी लोक सेवकों को अपनी संपत्ति और देनदारियों का ब्योरा हर साल दाखिल करना होता है। इसके अलावा उन्हें अपने पति या पत्नी और आश्रित बच्चों की संपत्ति और देनदारियों का ब्यौरा भी हर साल दाखिल करना होता है।
संसद ने गुरवार को लोकपाल अधिनियम में संशोधन के लिए एक विधेयक पारित किया था।
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘नया कानून कहता है कि सभी लोक सेवकों को अपनी संपत्ति और देनदारियों की घोषणा करनी होगी। लोकपाल अधिनियम में पति या पत्नी और आश्रित बच्चों का इस तरह का ब्योरा सौंपने के संबंध में प्रावधान को समाप्त कर दिया गया है।’’ उन्होंने कहा कि इस तरह की घोषणा को सार्वजनिक करने संबंधी प्रावधान को भी नये कानून में समाप्त कर दिया गया है।
( Source – पीटीआई-भाषा )