
मधुमक्खी पालन और उससे जुड़े व्यवसाय के जरिए किसानों की आय को बढ़ाने की एक सम्पूर्ण नीति तैयार करने लिए नीति आयोग में बुधवार को एक विशेष बैठक आयोजित की गयी है। बैठक में उत्पादकों, निर्यातकों, विभागों के अधिकारियों समेत विभिन्न अंशधारकों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है।
राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड के कार्यकारिणी सदस्य देवव्रत शर्मा ने पीटीआई भाषा को बताया, ‘‘सरकार की प्राथमिकता देश में उत्पादन का स्तर बढ़ाने के साथ साथ किसानों की आय को दो गुना करने की है। सभी अंशधारकों की कल होने वाली बैठक इसी लक्ष्य से प्रेरित है। इस बैठक में सभी निर्यातकों, विभिन्न विभागों के अधिकारियों, उत्पादकों, उन्नत मधुमक्खी पालकों आदि को बुलाया गया है ताकि उनकी तमाम समस्याओं पर गौर कर एक समग्र नीति तैयार की जा सके। ै शर्मा ने कहा, ै किसानों में मधुमक्खीपालन को लेकर काफी भ्रम था लेकिन जब उन्हें व्यवहारिक अनुभव हुआ कि मधुमक्खी पालन के कारण उनको फसलों की उपज बढ़ाने में भी मदद मिलती है तो उनकी रचि इस दिशा में बढ़ती जा रही है। ै राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड के कार्यकारी निदेशक बी एल सारस्वत ने कहा, ै यह बात साबित की जा चुकी है कि वैज्ञानिक तरीके से मधुमक्खी पालन के जरिये फसलों का उत्पादन और किसानों की आय को बढ़ाया जा सकता है। ै मधुमक्खी पालन के जरिये खेतों से पुष्परस बटोरने के दौरान मधुमक्खियां पौधों के बीच ‘परागण’ प्रक्रिया को तेज करती है इससे फसल उत्पादकता में काफी इजाफा होता है।
मधुमक्खी पालन से शहद के साथ साथ मधुमक्खी का डंक, प्रोपोलिस, मधुमक्खी के छत्ते, मोम इत्यादि उत्पाद मिलते है। इनका उपयोग औषधि एवं सौन्दर्य प्रसाधन उद्योगों में होता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसका बड़ा बाजार है।
( Source – PTI )