माननीय महोदय,

उपरोक्त विषय में ध्यान आकृष्ट कर आपको अवगत करवाया जाता है कि संयुक्त राष्ट्रसंघ की पहल पर प्रतिवर्ष 9 अगस्त को संसार की 6 फीसदी इंडीजीनियश आबादी के हितों के संरक्षण हेतु वैश्विक स्तर पर, विश्व आदिवासी दिवस (World Indigenous Day) मनाया जाता है। इसी कारण विश्व आदिवासी दिवस को भारत में सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग उठाते हुए राजस्थान से राज्यसभा के सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा जी ने राज्यसभा में सरकार के समक्ष मांग पेश की। उसी समय राज्यसभा सभापति के रूप में आसन पर आप स्वयं बैठे हुए थे और आपने निम्न दो आपत्तिजनक टिप्पणियां जारी कीः-

(1) आपने डॉ. किरोड़ी लाल मीणा जी का नाम किरोड़ी मल मीणा बोला, जो गलत है। जबकि आपके पास में रिकॉर्ड पर उनका वास्तविक नाम उपलब्ध होता है।
(2) आपने डॉ. किरोड़ी लाल मीणा जी का नाम किरोड़ी मल मीणा बोलते हुए, उन्हें आदिवासियों का बड़ा नेता करार दिया। इस बावत स्वाभाविक रूप से कुछ सवाल उठते हैंः-
(क) क्या डॉ. किरोड़ी लाल मीणा जी केवल आदिवासियों के ही नेता हैं?
(ख) क्या डॉ. किरोड़ी लाल मीणा जी आदिवासियों के अलावा अन्य समुदायों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं?
(ख) आपने राज्यसभा संचालन के दौरान क्या कभी किसी बामण नेता को बामणों का नेता, बनिणा नेता को बणियाओं का नेता और राजपूत नेता को राजपूतों का नेता घोषित और, या सम्बोधित किया? यदि नहीं तो केवल डॉ. किरोड़ी लाल मीणा जी जैसे सवर्णों को आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग करने वाले नेता को केवल आदिवासियों का बड़ा नेता बोलना, उनको दूसरे समुदायों से पृथक करना है और, या उन्हें केवल आदिवासियों तक ही सीमित करने का प्रयास है?

आग्रह एवं अपेक्षा

अतः उपरोक्तानुसार आपत्ति दर्ज करवाते हुए आप से विशेष आग्रह है कि संसद के उच्च सदन, राज्यसभा जैसे गरिमामयी मंच का उपयोग सांसदों के नामों के गलत उच्चारण तथा सांसदों की छवि को उनके समुदाय तक सीमित करने जैसा व्यवहार आसन द्वारा किया जाना अत्यंत चिंता का विषय है। आशा है कि आप उपरोक्त तथ्यों पर विचार कर अविलम्ब उचित निर्णय लेकर, अपने निर्णय की सार्वजनिक घोषणा करेंगे। शुभकामनाओं सहित!
प्रतिलिपिः प्रिंट, इलेक्ट्रोनिक और सोशल मीडिया पर प्रकाशन एवं प्रसारण हेतु।

       भवदीय
(डॉ. पुरुषोत्तम लाल मीणा)
मुख्य प्रांतीय संयोजक

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