
सरकार ने आज कहा कि वह दिल्ली स्थित एम्स की क्षमता एवं आधारभूत ढांचे के विस्तार के साथ देश के विभिन्न क्षेत्रों में नये स्थापित एम्स संस्थानों को सक्रिय बनाने पर जोर दे रही है। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान :एम्स: में 1563 बिस्तरों को बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है जिस पर 3119 करोड़ रूपये की लागत आयेगी ।
लोकसभा में आज प्रश्नकाल के दौरान रवीन्द्र कुमार राय ने कहा कि आज एम्स में मरीजों को पंजीयन करने में काफी कठिनाई पेश आ रही है। देश में कई स्थानों पर एम्स स्थापित किये जा रहे हैं, हालांकि सही मायने में देश में सिर्फ दिल्ली स्थित एम्स ठीक ढंग से काम कर रहा है। एम्स में ही डाक्टर किसी मरीज के बारे में कहते हैं कि दो महीने में आपरेशन हो जाना चाहिए लेकिन उसी मरीज को आपरेशन की तिथि 2 से 3 वर्ष बाद दी जाती है।
उन्होंने कहा कि एम्स में उपचार करने वाले मरीज जब दिल्ली में ही सफदरजंग अस्पताल या आरएमएल में जाते हैं तब रेफर केस के रूप में भी उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
राय ने कहा कि हमारी मांग है कि एम्स में मरीजों का इलाज पूरा करने की समयसीमा तय की जाए और दिल्ली के अन्य केंद्रीय अस्पतालों में रेफर केस के रूप में उनका उपचार सुगम बनाया जाए ।
लोकसभा में पूरक प्रश्न के उत्तर में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे पी नड्डा ने कहा कि एम्स ने एक मानक स्थापित किया है और यही कारण है कि सभी एम्स में ही उपचार कराना चाहते हैं। हम दिल्ली स्थित एम्स को देश के अन्य स्थानों पर दोहराना चाहते हैं। ऐसे में कई स्थानों पर एम्स खोले गए हैं और आने वाले समय में कुछ और स्थानों पर भी स्थापित होंगे।
उन्होंने कहा कि दिल्ली स्थित एम्स में 1563 बिस्तरों को बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है जिस पर 3119 करोड़ रूपये की लागत आयेगी । इसके अलावा एम्स में 167 करोड़ रूपये की लागत से 200 विस्तरों वाले राष्ट्रीय वृद्धावस्था केंद्र को अनुमोदन प्रदान किया गया है।
( Source – PTI )