हर पत्रकार की हत्या दूसरे पत्रकारों के लिये मुंह बंद रखने की धमकी: परांजॉय
हर पत्रकार की हत्या दूसरे पत्रकारों के लिये मुंह बंद रखने की धमकी: परांजॉय

वरिष्ठ पत्रकार परांजॉय गुहा ठाकुरता और सुमित चक्रवर्ती ने पत्रकारों की हत्या के मामलों में लगातार हो रही बढ़ोतरी पर चिंता व्यक्त करते हुये इसे अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला बताया है।

दिवंगत भाकपा नेता ए बी बर्धन की स्मृति में आज ‘‘अभिव्यक्ति की आजादी और असहमति का अधिकार, हमारे मूल अधिकार’’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में मुख्य वक्ता और वरिष्ठ पत्रकार परांजॉय गुहा ठाकुरता ने कहा कि पिछले तीन सालों में पत्रकारों की हत्या के लगातार बढ़ते मामले चिंता का विषय हैं। उन्होंने कहा कि पत्रकारों की हत्या असहमति के संवैधानिक अधिकार को कुचलने के लिये अभिव्यक्ति की आजादी पर किया गया हमला है। उन्होंने कहा कि ‘‘पत्रकारों की हत्या का प्रत्येक मामला दूसरे पत्रकारों के लिये अपना मुंह बंद रखने की परोक्ष धमकी है।’’ इससे पहले चक्रवर्ती ने कहा कि देश में वर्ष 1992 में सांप्रदायिकता की राजनीति की शुरुआत के बाद पिछले 25 सालों में अब तक 42 पत्रकारों की हत्या के मामले सामने आये हैं। इनमें से 17 पत्रकारों की मौत पिछले तीन सालों में हुई। चक्रवर्ती ने कहा कि मीडिया की आजादी के वैश्विक सूचकांक में भारत पिछले साल 133वें पायदान से खिसक कर इस साल 136वें स्थान पर आ गया है। उन्होंने कहा कि ये आंकड़े संविधान द्वारा प्रदत्त मूल अधिकार अभिव्यक्ति की आजादी और असहमति के अधिकार की दयनीय हालत को स्पष्ट करने के लिये पर्याप्त हैं।

( Source – PTI )

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *