आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक अमानतुल्लाह खान ने एक बार फिर से मजहबी कट्टरवाद से सनी बातें की है। उसने एक वीडियो जारी कर कहा है कि अभी मुस्लिम ख़ामोशी से काम ले रहा है, लेकिन जब वो सड़कों पर आएगा तो तुम्हारी ईंट से ईंट बजा देगा। AAP नेता ने कहा कि इस तरह की तौहीन दुनिया का मुस्लिम बर्दाश्त नहीं कर सकता है, तुम्हारी ग़लतफ़हमी है अगर तुम सोचते हो कि वो सह लेगा। 

दिल्ली की ओखला सीट से विधायक अमनतुल्लन खान ने वीडियो में कहा, “मुस्लिम अभी शांति से काम ले रहा है, क्योंकि वो नहीं चाहता कि इस मुल्क का अमन खराब हो। जुमे के दिन मुझे उम्मीद है कि नबी से मोहब्बत करने वाला हर मुस्लिम देश के हर मस्जिद में विरोध-प्रदर्शन करेगा और उस दिन हुकूमत जागेगी। इंशाअल्लाह! हर गाँव/बस्ती/शहर के हर मस्जिद में भारी संख्या में जुट कर मुस्लिम एहतेजाज-ए-खुत्बा करेंगे।”

अमानतुल्लाह खान ने कहा कि हर एक मस्जिद से हुकूमत-ए-हिन्द को मेमोरेंडम की शक्ल में एक चिट्ठी दी जाएगी। वीडियो में उसके साथ कई अन्य मुल्ला-मौलवी और मुस्लिम नेता दिखे, जो लगातार ‘नारा-ए-तकबीर’ और ‘अल्लाहु अकबर’ की नारेबाजी कर रहे थे। उसने बताया कि दिल्ली के तमाम इमाम उसके साथ हैं। उसने कहा कि सब ने मिलकर जुमे के दिन नमाज में एहतेजाजी खुत्बा का फैसला लिया है। ‘दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड’ के अध्यक्ष ने इस दौरान एक शेर भी पढ़ा-

“मोहम्मद की मोहब्बत आन-ए-मिल्लत, शान-ए-मिल्लत है,
मोहम्मद की मोहब्बत रूह-ए-मिल्लत, जान-ए-मिल्लत है।

दिल्लीवालों आज बिजली- पानी के कुछ चंद रूपए तो बचा लोगे…

कल भविष्य क्या होगा खुद आम आदमी के विधायक की जुबानी सुन लो ..!

मोहम्मद से मोहब्बत दीन-ए-हक़ की शर्त-ए-अव्वल है,

इसी में हो अगर खामी, तो सब कुछ नामुकम्मल है।”

अमानतुल्लाह खान ने कहा कि नमाज के दौरान खुत्बा देकर डासना के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती की गिरफ्तारी की माँग की जाएगी। साथ ही DM ऑफिस या नजदीकी थाने में सभी मुस्लिमों के हस्ताक्षर वाला पत्र दिया जाएगा। उसने कहा कि सरकार से माँग की जाएगी कि कोई भी कुछ ऐसा न कहे या करे, जिससे मुस्लिमों की भावनाएँ आहत हों।

इस दौरान वहाँ कई अन्य इमामों ने भी भड़काऊ बातें कहीं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार और पुलिस कुछ नहीं कर रही है तो हम जिम्मेदारी लेकर लोगों को बताएँगे। इस दौरान एक इमाम ने महंत को सख्त सज़ा की माँग की। उसने कहा कि ऐसे लोगों पर लगाम नहीं कसी गई तो ये रुकने वाले नहीं हैं। उस इमाम ने कहा कि इस्लामी कानून में ‘गुस्ताख़-ए-रसूल’ की सज़ा वही है, जो अमानतुल्लाह खान ने कहा है।

एक अन्य इमाम ने कहा कि प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति तक ये पैगाम पहुँचाया जाएगा कि किसी मजहब के खिलाफ बयानबाजी देश के विकास में बाधक है। इमामों ने कहा कि पिछले कुछ समय से मजहब के ऊपर टिप्पणियाँ बढ़ गई हैं और उसे समर्थन भी मिलता है। उन्होंने कहा कि इस्लाम में किसी मजहब या उसके पेशवा की बुराई पर प्रतिबंध है। करीब 50 उलेमा वहाँ मौजूद थे, जिन्होंने कहा कि जो अल्लाह से डरता है, उससे सारी दुनिया डरती है क्योंकि वही दुनिया चलाता है।

अमानतुल्लाह खान ने कहा, “अगर अल्लाह ने किसी को मौत देने की इच्छा नहीं रखी तो उसे कायनात की कोई ताकत कुछ नहीं कर सकती। हमने सिर्फ शरीयत के कानून की बात की थी। शरीयत में गर्दन और जुबान काटने की ही सज़ा है। खुलेआम क़त्ल करने की बात करने वालों पर कार्रवाई हो। जंगलराज है। रसूल की शान में गुस्ताखी करने वाला खुला घूम रहा है। क्या अमित शाह को नहीं पता पूरी दुनिया का मुस्लिम एहतेजाज कर रहा है।”

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